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UP: वसंत पंचमी पर संगम में डुबकी लगाएंगे श्रद्धालु, प्रशासन ने पूरी की तैयारी

प्रयागराज: माघ मेले के चौथे स्नान पर्व वसंत पंचमी पर श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे. इस बार ग्रह नक्षत्रों की स्थिति माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को बेहद खास बनाएगी. वसंत पंचमी का पर्व माघ मास की शुक्ल पंचमी तिथि को मनाये जाने की परम्परा है.

वसंत पंचमी पर क्या है मान्यता
संतों के मुताबिक, वसंत पंचमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. शास्त्रीय विधि के मुताबिक वसंत पंचमी को किसी व्रत का विधान नहीं हैं, लेकिन देवपूजन से पूर्व भोजन नहीं करने की परम्परा चली आ रही है. वसंत पंचमी के दिन पपीते और केले का दान करना बहुत शुभ माना जाता है, ऐसा करने से शारीरिक और मानसिक विकास होता है. पीले रंग को वंसत का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इस दिन पूजा और वस्त्रों में भी पीले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए.

छात्रों लिए वसंत पंचमी का महत्व
गुरु शिष्य परम्परा के लिए भी वसंत पंचमी का विशेष महत्व है, इस दिन गुरुओं की भी वंदना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन गुरु से आशीष जरुर लें. इस दिन गुरु का आशीष लेने से विद्यार्थी ज्ञानवान और एकाग्रचित्त बनता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से बुद्धिबल का विकास होता है और सभी मनोकामनायें पूरी होती हैं.

प्रशासन ने किए सुरक्षा के इंतजाम
वहीं बसंत पंचमी के स्नान पर्व को लेकर मेला प्रशासन ने भी सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है. डीएम भानु चन्द्र गोस्वामी के मुताबिक, प्रशासन ने लगभग 75 लाख श्रद्धालुओं के संगम में आस्था की डुबकी लगाने का अनुमान लगाया है. 2560 बीघे में बसाये गए माघ मेले को तीन जोन और सात सेक्टरों में बांटा गया है. इसके साथ ही मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पांच किलोमीटर के दायरे में छह स्नान घाट बनाये गए हैं. प्रशासन ने वसंत पंचमी के स्नान पर्व को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम का दावा किया है. मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए पुलिस ने मेले में ट्रैफिक डायवर्जन भी लागू कर दिया है.

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