अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने खत्म किया हांगकांग का तरजीही व्यापार दर्जा
भड़के चीन की अमेरिका को धमकी
वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से हांगकांग को व्यापार में तरजीही दर्जा खत्म करने के आदेश और हांगकांग में दमन के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए चीनी लोगों और संस्थाओं पर प्रतिबंध के कार्यकारी आदेश के बाद बीजिंग ने वाशिंगटन पर जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है।
बुधवार को अलजजीरा ने चीन के विदेश मंत्री के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा- “अमेरिकी कांग्रेस की तरफ से इस महीने की शुरुआत में सर्वसम्मति से पास हांगकांग ऑटोनोमस एक्ट और बीजिंग के हांगकांग पर दमन को लेकर चीनी अधिकारियों और बैंक पर प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना और उसका विरोध करते हैं।” इस बारे में बिना ज्यादा बताए मंत्रालय की तरफ से कहा गया- “चीन अपने वैध हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा और अमेरिकी कर्मियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाएगा।”
इससे पहले, ट्रंप ने कहा कि उन्होंने हांगकांग स्वायत्तता कानून पर भी हस्ताक्षर किए थे, जो कि इस महीने की शुरुआत में संसद में पारित हो गया। यह अमेरिकी कानून हांगकांग की स्वायत्तता का उल्लंघन करने वाले चीन के अधिकारियों और हांगकांग पुलिस पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता था। यही नहीं इनके साथ लेनदेन करने वाले बैंकों पर भी प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा- “यह कानून अमेरिकी सरकार को हांगकांग की आजादी को खत्म करने में शामिल व्यक्तियों और संस्थाओं को जिम्मेदार ठहराने के लिए एक शक्तिशाली नया हथियार देता है।” चीनी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की अमेरिका सरकार की चेतावनी पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन की सरकार ने कहा है कि वह देश की कंपनियों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगी।
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि चीन की कंपनियां अगर शिनजियांग के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय की प्रताड़ना करने में मदद करती है, तो उन्हें कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। गौरतलब है कि अमेरिका और चीन के संबंधों में कई मुद्दों को लेकर अत्यधिक तनाव बना हुआ है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका सरकार पर चीन के मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया और कहा कि वाशिंगटन ”चीन की कंपनियों के दमन के लिए मानवाधिकार की शिकायतों का इस्तेमाल कर रहा है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”यह चीन के लिए हानिकारक है, अमेरिका के लिए हानिकारक है और पूरी दुनिया के लिए हानिकारक है। उसने कहा, ”चीन बहुत मजबूती के साथ अमेरिका से कहना चाहता है कि वह अपनी खराब हरकतें बंद करे। मंत्रालय ने बयान में कहा, चीनी कंपनियों के कानूनी अधिकारों और हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए चीन आवश्यक कदम उठाएगा। अमेरिका ने बीते एक जुलाई को चेतावनी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि जो कंपनियां जबरन मजदूरी में धकेले गए लोगों द्वारा बनाए सामान रखती है या ऐसी प्रौद्योगिकी देती है जिसका इस्तेमाल श्रमिक शिविरों में होता हो या फिर निगरानी के लिए होता है, उन्हें ”आर्थिक, कानूनी तथा साख संबंधी अनिर्दिष्ट जोखिम उठाना पड़ सकता है। चीन ने मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यक समुदायों के 10 लाख या इससे भी अधिक लोगों को नजरबंदी शिविरों में हिरासत में रखा है। चीन की सरकार इन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताती है।