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US अब चीनी निर्माण परियोजनाओं में नहीं करेगा निवेश, बाइडन सरकार ने लगाया प्रतिबंध

वाशिंगटन : चीन में अमेरिकी निवेश पर राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रतिबंध (Banned) लगा दिया है। अमेरिकी अखबार का कहना है कि बीजिंग अपने निवेश का इस्तेमाल अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में कर सकता है। अमेरिका के इस निर्णय से चीन के साथ दूरी थोड़ी और बढ़ गई है। अखबार के अनुसार, राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस आदेश पर हस्ताक्षर भी कर दिये हैं।

अमेरिकी मीडिया के अनुसार, सेमिकंडक्टर और माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने के चीनी प्रयासों में नए आदेश के बाद से वेंचर कैपिटल और निजी इक्विटी फर्म अपना पैसा निवेश नहीं कर सकती। सरकार का कहना है कि यह फैसला राष्ट्रहित में लिए गए हैं। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक था। हालांकि, अमेरिका के फैसले को चीन अपने विकास में व्यवधान भी मान सकता है। अमेरिका ट्रेजरी विभाग का कहना है कि बाइडेन सरकार का फैसला अमेरिका को सुरक्षित रखने और अगली पीढ़ी के लिए महत्तवपूर्ण है। बाइडन सरकार अमेरिका की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत ने भी घरेलू सैन्य ड्रोन निर्माताओं को चीन में बने कल-पुर्जों का उपयोग करने से रोक दिया है। समाचार एजेंसी रायटर्स ने चार रक्षा और उद्योग अधिकारियों और दस्तावेजों के हवाले से यह दावा किया है। भारत ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब परमाणु-सशस्त्र पड़ोसी से तनाव के बीच वह सैन्य आधुनिकीकरण पर जोर दे रहा है। इसके तहत मानव रहित क्वाडकॉप्टर, लंबी-टिकाऊ प्रणाली और अन्य स्वायत्त प्लेटफार्मों के अधिक उपयोग की परिकल्पना की गई है।

रक्षा और उद्योग से जुड़ी शख्सियतों ने कहा कि भारतीय सुरक्षा नेतृत्व इस बात से चिंतित है कि ड्रोन के संचार कार्यों, कैमरों, रेडियो ट्रांसमिशन और ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर में चीन निर्मित कल-पुर्जे लगाए जाने से खुफिया सूचनाएं खतरे में पड़ सकती हैं। इसके अलावा, पेंटागन ने भी चीन में बने ड्रोन और घटकों की खरीदी पर रोक लगा दिया था।

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