यूपी के किसान फ़ोन करके ले सकते है पशु उपचार सेवा संजीवनी का लाभ
लखनऊ। एनबीएफसी-एमएफआई, भारत फाइनेंशियल इनक्लूजन लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में अपनी सीएसआर पहल ‘संजीवनी’ सोमवार को शुरू की। परियोजना के पहले चरण में, तीन जिलों लखनऊ, वाराणसी और चंदौली में अब कार्य चालू हो चुका है। दूसरे चरण में, इसका विस्तार बुलंदशहर और मथुरा में किया जायेगा। ‘संजीवनी’ के जरिए घर-घर पहुंचने का एप्रोच अपनाया गया है, जहां दूरदराज का कोई भी ग्रामीण किसान टोल-फ्री नंबर पर कॉल कर, अपने घर पर ही पशुओं के उपचार की सुविधा हासिल कर सकते हैं।
भारत फाइनेंशियल इनक्लूजन लिमिटेड ने यूपी में शुरू की सीएसआर पहल जीवनी
घर तक गुणवत्तापरक उपचार की सुविधा को लाने वाले, संजीवनी का उद्देश्य पशुओं को निकटतक उपचार केंद्र तक ले जाने और दवाओं के लिए किसानों पर आने वाले खर्च के बोझ को कम करना है। संजीवनी, सरकार और/या संबंधित संगठनों के सहयोग से बीमारी हेतु उपचार, आपातकालीन देखभाल एवं पोषण उपलब्ध कराता है। जिन क्षेत्रों में सेवा प्रदान की जा रही है, उन क्षेत्रों का कोई भी किसान टोल-फ्री नंबर (उत्तर प्रदेश के लिए 1800-200-2016) पर कॉल कर सकता है, और किसान के घर पर मामूली शुल्क पर निर्धारित समय-सीमा के भीतर चिकित्सकों, प्रशिक्षित पेशेवरों द्वारा सेवाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। हालांकि, जटिल बीमारी वाले पशुओं के लिए, किसानों को अत्यावश्यक दवाएं निःशुल्क दी जायेंगी।
घर-घर तक पहुंचने वाली पशु उपचार सेवा ‘संजीवनी’ अब तीन राज्यों में उपलब्ध
उत्तर प्रदेश में संजीवनी को प्रादेशिक कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ), पशुपालन विभाग और उत्तर प्रदेश लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड (यूपीएलडीबी) समर्थन प्राप्त है। चरणशः विस्तार के क्रम में, ये सेवाएं पांच जिलों में उपलब्ध होंगी; उक्त पांच जिलों में 4,054 गांव हैं और 36.4 पशु हैं। किसान पंजीकरण शुल्क के रूप में प्रति विजिट प्रति पशु 100 रु. (और कर) का भुगतान कर सेवा का लाभ ले सकते हैं। डॉ. सुधीर एम बोबडे, आईएएस, प्रधान सचिव, डेयरी डेवलपमेंट एवं एनिमल हस्बैंड्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा, ‘‘इन पांच जिलों में सफलतापूर्वक संजीवनी के क्रियान्वयन के बाद, हमें उम्मीद है कि हम इसे उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी पहुंचायेंगे। संजीवनी’ ने पीडीएफ मुख्यालय, लखनऊ में केंद्रीयकृत कॉलसेंटर स्थापित किया है और इसने पांच जिलों में 21 पशुधन संजीवनी सेंटर्स स्थापित किये हैं। भारत फाइनेंशियल इनक्लूजन लिमिटेड द्वारा 25 पशु-चिकित्सकों, 25 पैरा-वेट्स एवं 10 कॉल सेंटर एक्जीक्यूटिव्स की टीम तैनात की जायेगी।