उत्तराखंड

पर्यटकों के लिए बंद हुई फूलों की घाटी, जानिए यह विश्व धरोहर क्यों है खास

देहरादून (गौरव ममगाई): अगर आप उत्तराखंड की विश्व धरोहर फूलों की घाटी में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ऐसा मत कीजिए, क्योंकि आपका वहां जाना व्यर्थ होगा. जी हां, यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शीतकाल के चलते उत्तराखंड वन विभाग ने फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया है. अब आप अगर फूलों का दीदार करना चाहते हैं तो आपको 7 महीने का इंतजार करना होगा. वन विभाग के अनुसार, हर वर्ष शीतकाल के कारण फूलों की घाटी को बंद किया जाता है. अब अगले वर्ष 2024 में जून माह में इसे पर्यटकों के लिए खोला जाएगा.

एडम स्मिथ ने की थी खोज:

फूलों की घाटी की खोज का श्रेय ब्रिटिश यात्री एडम स्मिथ को दिया जाता है. 1931 में एडम स्मिथ कामेत पर्वत फतेह करके लौट रहे थे, तभी रास्ते में उन्हें फूलों की घाटी दिखी. एडम ने फूलों की घाटी पर एक पुस्तक लिखी, जिसका नाम है- वैली आफ फ्लावर. इस पुस्तक के जरिये दुनिया को फूलों की घाटी के बारे मे पता चला था. वर्ष 2005 में यूनेस्कों ने विश्व धरोहर घोषित किया था.

देश-विदेश से आते हैं बर्ड वाचिंग व नेचर लवर

वन विभाग ने बताया कि यहां जुलाई व अगस्त महीने में फूल पीक पर होते हैं. करीब 300 से ज्यादा विश्व प्रसिध्द फूलों को यहां देखा जा सकता है. यह घाटी करीब 87 किलोमीटर क्षेत्र में फैली है. इस साल फूलों की घाटी में 13161 देशी व विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं. यह फोटोग्राफी व बर्ड वाचिंग प्रेमियों के लिए विश्व में बहुत प्रसिध्द है. यहां अधिक संख्या में विदेशी पक्षी देखने को मिलते हैं. यहां की फोटो व विजुअल वीडियो एल्बम व शॉर्ट फिल्मों में भी प्रयोग किए जाते हैं.

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