बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में बवाल के पीछे बड़ा खुलासा सामने आया है. पुलिस जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि विवाद की शुरुआत एबीवीपी की छात्राओं की एंट्री को लेकर हुई. वहीं रिपोर्ट में लाठीचार्ज की शुरुआत के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन को जिम्मेदार बताया गया है.
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रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि छात्राएं सुरक्षा और अव्यवस्था के मुद्दे पर बीएचयू के मेन गेट पर धरना दे रही थीं. ये छात्राएं बीएचयू कुलपति से बातचीत और सुरक्षा के वादे की मांग पर अड़ीं थीं. जिसके बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधिकारी कुलपति से बात कराने के आश्वासन के साथ प्रदर्शन कर रही छात्राओं को मेन गेट से कुलपति आवास की तरफ ले गए.
‘सिर्फ ABVP छात्राओं को दी एंट्री’
प्रदर्शन कर रही छात्राएं कुलपति के आवास पर तो पहुंच गईं, मगर कुलपति ने खुद बाहर आकर बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने छात्राओं के एक डेलीगेशन को बात करने के लिए अंदर बुलाया.
पुलिस जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान केवल एबीवीपी की तीन छात्राओं को अंदर जाने की इजाजत दी गई. जिस पर वहां मौजूद दूसरी छात्राओं ने नाराजगी जताई. वो इस बात पर अड़ गईं कि सिर्फ एबीवीपी से जुड़ीं छात्राओं को ही कुलपति से मिलने के लिए अंदर क्यों भेजा गया. उन्होंने कुछ और छात्राओं को भी अंदर जाने की इजाजत देने की मांग की.
नहीं तैयार हुए अधिकारी
छात्राओं की इस मांग को वहां मौजूद अधिकारियों ने नहीं माना. जिसके बाद अचानक छात्राओं ने विरोध शुरू कर दिया. जांच रिपोर्ट के मुताबिक, छात्राओं के इस विरोध के बाद चीफ प्रॉक्टर के साथ खड़े बीएचयू गार्ड्स ने गाली गलौज और लाठीचार्ज शुरू कर दिया.
वर्दी से हुई गलतफहमी
जांच रिपोर्ट में लाठीचार्ज के लिए बीएचयू की प्रॉक्टोरियल कमेटी को जिम्मेदार ठहराया गया है. रिपोर्ट में बताया गया कि बीएचयू प्रशासन ने मामले को संभालने में लापरवाही बरती है. साथ ही गार्ड्स की वर्दी खाकी होने के चलते पुलिस पर लाठीचार्ज करने की गलतफहमी सामने आई.
जांच रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कैंपस में अव्यवस्था फैलाने का काम सुनियोजित ढंग से किए जाने के संकते मिले हैं, जिसकी जांच की जाएगी.
ये है मामला
दरअसल, इस विवाद की शुरुआत 21 सितंबर से हुई. ऐसा तब हुआ जब हॉस्टल की तरफ लौट रही आर्ट्स डिपार्टमेंट की एक छात्रा के साथ मोटरसाइकिल सवार तीन लोगों ने कथित तौर पर छेड़छाड़ की. छात्राओं ने आरोप लगाया कि घटनास्थल से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर मौजूद सुरक्षा गार्डों ने उन लोगों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया. इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन का लचीले रवैये के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया.