आंदोलन में आगे अब क्या करेंगे किसान? आज की मीटिंग में SKM तय करेगी रणनीति
पीएम मोदी ने 19 नवंबर को पूरे देश को संबोधित करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेनी की घोषणा कर दी थी। लेकिन इसके बावजूद किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों को विरोध करते हुए एक साल पूरा हो गया है। अब किसान अपने आगे की रणनीति तैयार करने में लगे हैं। आंदोलन में बड़ी भमिका निभाने वाला संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) शनिवार को एक बैठक करेगा जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत और स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने इसकी जानकारी दी है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभावशाली किसान संघ, बीकेयू एसकेएम की छत्रछाया में पिछले साल से गाजीपुर सीमा पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। संघ के प्रवक्ता सौरभ उपाध्याय ने शुक्रवार को पीटीआई न्यूज एजेंसी से कहा, “शनिवार को हमारी एसकेएम के साथ बैठक है और उसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। हमने 29 नवंबर को दिल्ली की ओर एक मार्च की योजना बनाई है, लेकिन एसकेएम शनिवार को इस बारे में फैसला करेगा।
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान कल बड़ी संख्या में सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डरों पर इकट्ठा हुए थे। विरोध करने वाली यूनियनों ने कहा कि यह कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के एक साल पूरे होने का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस दिन को इतिहास में हमेशा लोगों के संघर्ष के महानतम क्षणों के रूप में याद किया जाएगा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि किसानों के विरोध का यह एक साल समर्पण, लड़ाई और प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। वरिष्ठ नेता ने हिंदी में ट्वीट किया, आंदोलन के 1 वर्ष पूर्ण होने पर आज आंदोलन स्थल गाजीपुर बार्डर की तस्वीरें आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं । किसानों में MSP के संघर्ष को लेकर काफी उत्साह देखा गया।”
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते अपने संबोधन में घोषणा की थी कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाएगा। हालांकि किसान संघों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया था, उन्होंने कहा कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि कानून पूरी तरह से इन्हें वापस नहीं ले लिया जाता और अन्य मांगें पूरी नहीं हो जातीं।