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WHO प्रवक्ता मार्गरेट ने कहा- हैरिस कोवैक्सीन को 24 घंटों के अंदर मिल सकती है आपात इस्तेमाल की मंजूरी

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के तकनीकी सलाहकार समूह की आज बैठक होने वाली है। इस बैठक में यह तय होगा कि भारत में बनी कोरोना की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी जाए या नहीं। वहीं, डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने कहा कि कोवैक्सीन को 24 घंटों के अंदर आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। मार्गरेट हैरिस ने संवाददाताओं से कहा कि तकनीकी सलाहकार समूह इस समय कोवैक्सीन के आंकड़ों की समीक्षा कर रहा है। जेनेवा में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ सही रहा और यदि कमेटी संतुष्ट होती है तो 24 घंटों के अंदर कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। बता दें कि करोड़ों भारतीयों ने कोवैक्सीन का टीका लगवाया है, लेकिन डब्ल्यूएचओ की मंजूरी न मिल पाने के कारण कोवैक्सीन लगवाने वाले भारतीय लोग विदेश यात्रा कर पाने में असमर्थ हैं।

बता दें कि इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक ने बनाया है। कंपनी ने वैक्सीन की आपात मंजूरी के लिए सारे दस्तावेज 19 अप्रैल को ही डब्ल्यूएचओ को सौंप दिये थे, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसे इस वैक्सीन को हरी झंडी देने के लिए और डाटा की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के बिना वैक्सीन को वैश्विक स्तर पर स्वीकार्यता नहीं मिल सकती है। पिछले शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था कि वैक्सीन को मंजूरी देने की प्रक्रिया कभी कभार लंबी हो सकती है, लेकिन हम विश्व को सही जांच परख के बाद ही किसी वैक्सीन की सलाह देते हैं।

डब्ल्यूएचओ हेल्थ इमर्जेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक डॉ माइक रयान ने कहा डब्ल्यूएचओ दमाम देशों को उसी वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देता है जिसकी सलाह डब्ल्यूएचओ की तकनीकी सलाहकार समिति देती है। गौरतलब है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारतीय कोविड-19 वैक्सीन निर्माताओं से मुलाकात की और वैक्सीन अनुसंधान को आगे बढ़ाने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। यह बैठक भारत के 100 करोड़ वैक्सीन देने के लक्ष्य को छूने के कुछ दिनों बाद हुई।

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