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क्यों पीएम मोदी को अरविंद केजरीवाल की पार्टी बता रही है ‘राजा बाबू’, फोटो पर बढ़ा फसाद

नई दिल्ली : दिल्ली में वन महोत्सव को लेकर पैदा हुआ पोस्टर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पीएम मोदी की तस्वीर वाला पोस्टर लगाए जाने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) बेहद हमलावर है। एक तरफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस इवेंट का बायकॉट किया तो अब उनकी पार्टी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें भारतीय राजनीति का ‘राजा बाबू’ बताया है। आम आदमी पार्टी के विधायक और प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने पीएम मोदी को तस्वीरों का शौकीन बताते हुए उनकी तुलना राजा ‘बाबू फिल्म’ में गोविंदा के किरदार से की है।

सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”प्रधानमंत्री जी जोर जबर्दस्ती करने के लिए पुलिस भेजते हैं और अपना पोस्टर-होर्डिंग वहां टंगवाते हैं। कितनी बचकानी बात है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री कितने बेकरार हैं कि मैं हर मंच पर अपनी तस्वीर लगवा दूं। ऐसा तो फिल्मों के ‘राजा बाबू’ थे, गोविंदा की फिल्म थी, वह करते थे। उनके घर में जब करिश्मा कपूर के घरवाले रिश्ता लेकर पहुंचे तो किसी फोटो में वह डॉक्टर, किसी में पुलिस, किसी में वकील, कहीं थानेदार। रिश्ते वाले कहते हैं कि अरे यह है क्या तो बताते हैं कि इन्हें फोटो का बहुत शौक है। पीएम मोदी ने भी अपनी यह छवि बना ली है। दुनिया वाले हंसेंगे आप पर।”

मोदी जी की तस्वार लगाने का बनेगा कानून: भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने सवाल किया कि क्या जब जब मोदी जी गुजरात के CM थे तब वो क्या अपने कार्यक्रम में भारत के पीएम मनमोहन सिंह जी की फोटो लगाते थे? उन्होंने इसे तनाशाही बताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी जी की तस्वीर हर जगह लगाने का कानून बनाया जा सकता है। सौरभ ने कहा, ”यह तो तानाशाही है! जैसे मिडिल ईस्ट के शासक की तस्वीर हर दुकान, होट में लगी होती है, वैसे ही अब लगता है कि जल्द ही हर जगह मोदी जी की तस्वीर लगाने के लिए कानून बनने वाला है।

दिल्ली के असोला भाटी में रविवार को आयोजित वन महोत्सव समापन समारोह में पोस्टर लगाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि पहले से तय कार्यक्रम के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत दिल्ली सरकार की ओर से कोई भी शामिल नहीं हुआ। दिल्ली सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पूरे कार्यक्रम का राजनीतिकरण करके पुलिस के जरिए उसे हाईजैक किया गया। कार्यक्रम स्थल से अरविंद केजरीवाल के बैनर-पोस्टर हटाकर पुलिस ने प्रधानमंत्री के बैनर-पोस्टर लगा दिए। कार्यक्रम का राजनीतिकरण होने से हमने नहीं जाने का फैसला किया। गोपाल राय ने कहा कि वन महोत्सव दिल्ली सरकार का अभियान था। इसे 11 जुलाई को शुरू किया गया था, जिसका 24 जुलाई को असोला भाटी में समापन समारोह था। इसमें उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों को शामिल होना था। लेकिन समारोह स्थल पर रातोंरात दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल कर कब्जा कर लिया गया।

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