योगी आदित्यनाथ का तीखा कटाक्ष, कहा- कुर्सी खिसकने के डर से नोएडा आने से कतराते थे अखिलेश
नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि अंधविश्वास से ग्रसित पूर्व मुख्यमंत्री कुर्सी खिसकने के डर से नोएडा आने से कतराते थे। वास्तव में उनके पास जनता के हित के लिये कोई एजेंडा नहीं था। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नोएडा और ग्रेटर नोएडा आने में संकोच करते थे। उनको भय होता था। उनके लिये सत्ता और खुद का जीवन महत्वपूर्ण होता था। प्रदेश की जनता के हितों के लिए, उनके आर्थिक लाभ और स्वास्थ्य के लिए पूर्व मुख्यमंत्री के पास कोई एजेंडा नहीं था इसलिए वह गौतम बुद्ध नगर में आने के लिए संकोच करते थे लेकिन मुझे यहां पर कई बार आने का अवसर प्राप्त हुआ है और इस बात की मुझे खुशी है।
योगी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर आ चुकी है। प्रदेश में भी इसके मामले मिल रहे हैं। हम सभी इस बात को बखूबी से जानते हैं कि पहली लहर को काबू करने के बाद दूसरी लहर में नहीं केवल उत्तर प्रदेश या देश में बल्कि पूरे विश्व में ऑक्सीजन की कमी देखने को मिली थी। केन्द्र सरकार ने ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेन चलवाई थी, जिससे पूरे देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। आज पूरे प्रदेश में 521 ऑक्सीजन प्लांट है। इसमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट बनाए गए हैं, जो फिलहाल क्रियाशील है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वैक्सीनेशन के ड्राइव को काफी अच्छी तरीके से चलाया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पहली डोज 100 प्रतिशत लोगों को लग चुकी है। 15 से लेकर 18 वर्ष तक की आयु के लोगों को एक लाख 16 हजार डोज उपलब्ध करवाई जा चुकी है।
दूसरी डोज 92 प्रतिशत लोगों को मिली है। आज उत्तर प्रदेश में जितने कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामले हैं, उनमें से केवल 0.5 प्रतिशत ही अस्पताल में मौजूद हैं। ऐसे ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इस समय नौ हजार से भी ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित है जिसमें से केवल 200 लोग ही अस्पताल में मौजूद हैं। अस्पताल में भर्ती मरीज वह है जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। इसलिए कोरोना की थडर्वेव में भागने या डरने की जरूरत नहीं है। गौतमबुद्ध नगर के जिम्स अस्पताल में कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में बहुत अच्छा कार्य किया है। थडर् वेव में भी 400 से भी ज्यादा बेड जिम्स अस्पताल में है। 300 बेड ऑक्सीजन के भी है। आज मैं यहां पर यह देखने आ रहा हूं कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा दिल्ली के किनारे होने के नाते कोरोना वायरस की कैसी स्थिति है। इसका हम लोग निरीक्षण कर रहे हैं।