15 को लॉकडाउन खुलने की दशा में होगा जनता का कड़ा इम्तिहान: योगी
लखनऊ। आगामी 15 अप्रैल से लॉकडाउन खोलने का संकेत देते हुए उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की और कहा कि संक्रमण को काबू करने के इस इम्तिहान में जनसहभागिता की बड़ी भूमिका होगी। अपने सरकारी आवास में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों से संवाद करते हुये योगी ने रविवार को कहा कि अगर हम 15 तारीख से लॉकडाउन खोलेंगे तो एकाएक भीड़ निकलेगी। इ
से रोकने के लिए आप लोगों का सहयोग चाहिए। अगर अचानक भीड़ सड़कों पर निकलेगी तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती है। इसकी वजह से सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसके लिए हमें एक व्यवस्था बनानी होगी। ऐसे में आप सभी लोग अपना-अपना सुझाव मुझे दें। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म की दशा में प्रदेश के सामने एक बड़ी चुनौती होगी।
जनसहभागिता से ही इस चुनौती से निपटा जा सकेगा। लॉकडाउन खुलने के बाद भी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना होगा। तब्लीगी जमात के लोगों का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन दिनों के दौरान राज्य में कोरोना के मामलो में तेजी आयी है। लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए सरकार ने सभी ऐहतियाती कदम उठाए लेकिन बाहर से आए लोगों की वजह से हालात बिगड़े।
पुलिस ने अब तक तब्लीगी जमात से जुड़े 1499 लोगों को चिन्हित किया है, जिसमें 385 से ज्यादा विदेशी है। उन्होंने कहा कि अगर तबलीगी जमात का मामला सामने न आता तो सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में सफल हो गई थी। प्रदेश में 132 संक्रमित मामले सिर्फ जमात से सामने आये हैं। कुछ स्थानों पर जमात के लोगों ने अव्यवस्था और अराजकता फैलाने का प्रयास किया। प्रदेश सरकार इनके खिलाफ कानूनी कारर्वाई भी कर रही है। सीएम ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को असुविधा न हो, इसके लिये सरकार ने 11 कमेटियां भी गठित की। प्रदेश के मूल निवासी 15 से 20 लाख लोग अन्य राज्यों में कार्यरत है।
उनकी सुविधा के लिये और प्रदेश में बाहर से आए लोगों के लिए भी सरकार ने कमेटी गठित की है। सूत्रों ने बताया कि सरकार 15 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को खोल सकती है हालांकि पहले उन जिलों में लॉकडाउन खुलेगा जहां कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। बाद में संक्रमित जिलों में पाबंदियों के साथ लाकडाउन को खोला जा सकता है। इस दौरान बाजारों के खुलने का समय निश्चित किया सकता है जबकि भीड़ इक_ा न हो, इसके लिये दुकानो के बाहर गोलों में ही खड़े होकर खरीददारी करने की छूट दी जा सकती है।
उन्होने बताया कि लाकडाउन खुलने के पहले चरण में शिक्षण संस्थान को बंद रखा जा सकता है जबकि वर्क टू होम परंपरा को प्रोत्साहित किया जायेगा और जरूरत के हिसाब से ही सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों को बुलाने की अनुमति दी जाएगी।