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अब मायावती को आयी ब्राम्हणों की याद, कहा-परशुराम के नाम बनवाएंगे अस्पताल और विश्राम गृह

लखनऊ, 09 अगस्त, दस्तक टाइम्स (अमरेन्द्र प्रताप सिंह) :  यूपी के गाँव देहात में एक मजाकिया गाना गाया जाता रहा है, ” पंडित जी मेरे मरने के बाद, इतना कष्ट उठा लेना। मै फंस जाऊं भवसागर में नैया पार लगा देना।” कुछ इसी अंदाज का राग आजकल उत्तर प्रदेश की विपक्षी पार्टियां सपा, बसपा और कांग्रेस अलाप रही हैं। सबको अचानक अब एकदम से अक्ल आगयी है, और सभी को भगवान् परशुराम की शरण में ही अपना उद्धार नजर आ रहा है। आने वाले भविष्य में राजनीति किस करवट बैठेगी, और भारतीय समाज में सबसे बुद्धिजीवी और प्रखर चिंतक माना जाने वाले ब्राम्हण किसके साथ होगा, इस प्रश्न का जवाब अभी भविष्य के गर्त में छिपा है, परन्तु आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए फिलहाल ‘पंडित जी’ को रिझाने की कोशिश में सभी पार्टियां पूरी ताकत से लग गयी हैं।

जातिगत खेमेबंदी की कोशिशें, एक से बढ़कर एक दांव

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जातिगत खेमेबंदी की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं। चुनावी समर में ब्राहम्ण वोटों को साधने के लिए जहां कल जहां समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ओर भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची मूर्ति लगाने का पांसा फेका, तो अब दूसरी ओर से आज रविवार को बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी ब्राहम्णों को रिझाने के लिए अपना नया दांव चल दिया है।

माया को दलित वोटों के जाने का डर भी सत्ता रहा

बसपा सुप्रीमों ने कहा कि अगर वर्ष 2022 में यूपी में बसपा की सरकार बनती है तो ब्राह्मण समाज की आस्था के प्रतीक परशुराम और सभी जातियों के महान संतों के नाम पर अस्पतालों व सुविधायुक्त ठहरने के स्थानों का निर्माण कराया जाएगा। ब्राहम्णों की पैरवी करने से दलित वोटों पर पड़ने वाले किसी भी विपरीत प्रभाव से बचने के लिए बसपा सुप्रीमों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को दलित राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद को भी रामजन्मभूमि के शिलान्यास में ले जाना चाहिए था।

सपा पर उठाये सवाल, कहा, ब्राहम्णों के लिए क्या किया

मायावती इतने पर ही नहीं रूकी उन्होंने शनिवार को सपा पर ब्राहम्णों के नाम पर राजनीति का आरोप लगाते हुए सपा अध्यक्ष की घोषणा पर सवाल भी उठाया और कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में ब्राहम्णों के लिए क्या किया गया। मायावती ने कहा कि यूपी में बसपा की चार बार सरकार बनीं और हर बार बसपा की सरकार में सभी वर्गों के महान संतों के नाम पर अनेक जनहित योजनाएं शुरू की गई थी। बाद में आई सपा सरकार ने इन योजनाओं को जातिवादी मानसिकता व द्वेष की भावना के चलते बदल दिया। मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी से भव्य परशुराम की मूर्ति उनकी सरकार लगवायेंगी।

कांग्रेस भी यूपी में ब्राहम्णों को साधने में लगी

सपा और बसपा के अलावा कांग्रेस भी यूपी में ब्राहम्णों को साधने में लगी हुई है। बीते काफी समय से कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ब्राहम्ण चेतना संवाद के नाम से अभियान छेड़े हुए है। यूपी में ब्राहम्णों के खिलाफ होने वाली हर घटना में कांग्रेस न सिर्फ मुखर होती है बल्कि कांग्रेस नेता पीड़ित ब्राहम्ण परिवार से मुलाकात कर उन्हे न्याय दिलाने का आश्वासन भी देते है।

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