अपने आप को सशक्त बनाने के लिए खुद करना होगा प्रयास
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लड़कियों को किया जागरुक, बांटे सैनिटरी पैड्स
लखनऊ : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न् क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए महिलाओं को सम्मानित किय गया तथा अपने अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया। इस अवसर पर न्यूरोएड संस्था की ट्रस्टी एवं चीफ़ फंक्शनरी राजलक्ष्मी चन्द्रु ने कहा कि ग्रामीण स्कूलों में उचित सुविधाओं के अभाव के कारण हर 5 में एक 1 लड़की माहवारी शुरू होने के बाद स्कूल छोड़ देती है। ऐसे में माहवारी के दौरान हाइजीन के बारे में बातचीत और जागरुकता को बढ़ाना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। हम कम उम्र की लड़कियों को इस विषय के बारे में जागरुक बनाना चाहते हैं और उन्हें सैनिटरी पैड्स वितरित कर सहयोग प्रदान करना चाहते हैं, ताकि वे अपने दोस्तों और परिवारजनों को भी प्रेरित कर सकें।
इस अवसर पर असिस्टेन्ट डायरेक्टर—कथा अर्पिता वर्मा ने कहा कि 1990 में हमने कथा एसआरआई (स्लम रीसर्जेन्स इनीशिएटिव) की शुरूआत की। जब महिलाएं कमाती हैं, तो बच्चे सीखते हैं। कथा लिंग समानता और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देता है। यह लड़कों एवं लड़कियों के लिए शिक्षा के एक समान अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। हम महिलाओं को प्रेरित करते हैं कि वे आने वाली सामाजिक, सांस्कृतिक बाधाओं एवं लिंग संबंधी रूढ़ीवादी अवधारणाओं को तोड़ कर आगे बढ़ें तथा अपने आप को सशक्त बनाने के लिए खुद प्रयास करें। हम न्यूरोएड की इस पहल का स्वागत करते हैं, जिसके साथ हमने अपने मिशन को आगे बढ़ाया है और माहवारी से जुड़े स्वास्थ्य एवं हाइजीन के महत्व पर रोशनी डालने का प्रयास किया है।