अंतरिक्ष का कचरा बन चुके हैं 95 फीसदी मानवनिर्मित उपग्रह, अमेरिका है सबसे आगे
यह कचरा इतना ज्यादा बढ़ गया है कि अब वहां भी स्वच्छता मिशन चलाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। अन्यथा यह कचरा अंतरिक्ष में क्रियाशील अन्य उपग्रहों से टकरा सकते हैं और भारी नुकसान हो सकता है। ब्रिटेन ने तो इस सफाई का काम भी शुरू कर दिया है। ब्रिटेन ने अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट भेजा है जो पृथ्वी की कक्षा में एक जाल लगाएगा। इसमें कचरा इकट्ठा होगा। प्रयोग के तौर पर शुरू की गई यह पहल उन प्रयासों का हिस्सा है, जिसके जरिए अंतरिक्ष को कचरा मुक्त बनाने की योजना है।
कहां लगा है यह जाल
पृथ्वी से 300 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई पर यह जाल लगाया गया है। दुनियाभर की स्पेस एजेंसियों की रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद जारी आंकड़ों में यह बताया गया है कि करीब साढ़े सात हजार टन कचरा पृथ्वी की कक्षा में तैर रहा है। यह उन उपग्रहों के लिए खतरा है, जिन्हें किसी खास मकसद से प्रक्षेपित किया गया था।
सैटेलाइट के जरिए इस जाल के प्रयोग का वीडियो भी बनाया गया है, जिसमें एक जूते के डिब्बे के आकार के कचरे को इसमें फांसता हुआ देखा जा सकता है। ब्रिटेन की सूरे अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रोफेसर गुगलाइलमो अगलीती का दावा है कि यह प्रोजेक्ट ठीक वैसा ही काम कर रहा है जैसा उन्होंने सोचा था।
क्या कारगर होगा यह मिशन
अगर हकीकत में ऐसा हो पाया तो कचरे को फंसाने के बाद सैटेलाइट की मदद से यह जाल इसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर कर देगा। दावा किया जा रहा है कि यह पहली बार है जब अंतरिक्ष का कचरा हटाने का सफल प्रयोग किया गया है। जल्द ही इस कोशिश के तहत दूसरे चरण का प्रयोग किया जाएगा, जिसमें एक कैमरा लगाया जाएगा जो स्पेस के वास्तविक कचरे को कैद कर सके ताकि उन्हें हटाना आसान हो। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इससे और बेहतर तरीके से काम लिया जा सकेगा।
अंतरिक्ष के कचरे से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
95% सैटेलाइट अब अनुपयोगी हो चुके हैं और कचरा बनकर पृथ्वी की कक्षा का चक्कर काट रहे हैं।
1996 में फ्रांस का एक सैनिक उपग्रह पृथ्वी की कक्षा का चक्कर लगाते समय फ्रांस के एक ऐसे रॉकेट से टकरा गया था, जो करीब 10 साल पहले विस्फोट की वजह से फट चुका था।