अगर आपको भी दिखने लगे शीशे में ये संकेत तो समझ जाइये बदलने वाली है आपकी किस्मत
आज के इस तकनीकि युग में ज्यादातर लोग ज्योतिष या अन्य धार्मिक बातों पर जल्दी यकीन नहीं करते हैं। लोगों को लगता है कि ये सब चीजें फालतू हैं। जबकि कई ऐसे लोग भी हैं, जो बिना ज्योतिष से बातचीत किये कोई कार्य ही नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में सफल होने की ज्यादा संभावनाएं होती हैं। हालांकि हर ज्योतिष सही ही बताये यह भी जरूरी नहीं है। कई ज्योतिष तो लोगों से पैसे ऐठने के लिए ही काम करते हैं। ऐसे लोगों से बचकर रहें।
अगर आप अपने जीवन के बारे में कुछ जानना चाहते हैं और आप ज्योतिष के पास भी नहीं जाना चाहते हैं तो चिंता करने की कलोई जरुरत नहीं है। आज हम आपको ऐसे एक तरीके के बारे में बतानें जा रहे हैं, जिससे आप घर पर ही अपनी किस्मत से जुडी हुई बातें मालूम कर सकते हैं। हर रोज आईना तो देखते ही होंगे आप? रोज आईना देखते समय अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो आप आसानी से जान सकते हैं कि आपका भविष्य कैसा होगा। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार बालों को देखकर भी आने वाले कल के बारे में जाना जा सकता है।
जानिए बालों से जुड़े कुछ संकेत:
ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति के सर के एक रोमकूप में एक बाल होता है, वह बहुत भाग्यशाली होता है। ऐसे बालों को सबसे अच्छा माना जाता है।
जिस व्यक्ति के एक बाल से कई शाखाएं निकली होती हैं, तो वह व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर हो सकता है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसे लोग दो विचारधाराओं में उलझे रहते हैं। वह जीवन में किसी निर्णय तक नहीं पहुँच पाते हैं। ऐसे लोगों को जीवन में आसानी से सफलता भी नहीं मिलती है।
जिस व्यक्ति के बाल लगातार पतले होते जाते हैं, उसे अशुभ माना जाता है। ऐसा होने पर व्यक्ति के जीवन में धीरे-धीरे परेशानियाँ बढ़ने लगती हैं।
अगर किसी व्यक्ति के बाल मोटे और कड़े होते जा रहे हैं तो व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए। माना जाता है कि यह स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों की तरफ इशारा करते हैं।
अगर आपके बाल सीधे और मुलायम होते जा रहे हैं तो समझ जाइये कि आपको भविष्य में कोई नाय काम मिलने वाला है। जिस व्यक्ति के बाल ऐसे होते हैं, वह सीधी कार्यप्रणाली वाला और साफ़-साफ़ बोलने वाला होता है।
आपको बता दें सामुद्रिक शास्त्र ज्योतिशास्त्र का ही एक अभिन्न अंग है। इस शास्त्र में व्यक्ति के शरीर के अंगों और अंगों की बनावट के आधार पर स्वाभाव और भविष्य के बारे में जानने के तरीके बताये गए हैं। इस शास्त्र की रचना समुद्र ऋषि ने की थी, इसी लिए इसका नाम सामुद्रिक शास्त्र पड़ गया।