नई दिल्ली: अजमेर दरगाह के दीवान ने गोहत्या पर प्रतिबंध की मांग की है. सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि इससे दो समुदायों के बीच नफरत पनप रही है. ऐसे में देश में शांति के लिए सरकार इस पर पूरे तरीके से बैन लगाए. उन्होंने मुसलमानों से भी पहल की मांग की और कहा कि गोमांस न खाएं. दरगाह में 805वां सालाना उर्स चल रहा है. इस दौरान दरगाह के दीवान सैयद जैनुल ने गोहत्या पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि गोमांस से दो समुदायों के बीच दूरियां आई हैं. भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को झटका लगा है. ऐसे में जरूरी है कि मुसलमान इस इख्तलाफ को खत्म करने की पहल करें और गोमांस खाना बिल्कुल कर दें. साथ ही सरकार भी गोहत्या और उसके मांस की बिक्री पर पूरे तरीके से प्रतिबंध लगाए. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी तरह का जानवर नहीं काटा जाना चाहिए.
इस मौके पर दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने गोमांस का सेवन न करने की घोषणा की. उन्होंने कहा- मैं और मेरा परिवार गोमांस का सेवन त्यागने की घोषणा करता हूं. सैयद जैनुल ने कहा कि गाय सिर्फ एक जानवर नहीं है बल्कि हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है. गाय और उसके वंश को बचाना चाहिए. साथ ही गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. सैयद जैनुल ने कहा- जिन राज्यों में कानूनन गौहत्या की जाती है वह सरासर गलत है. ऐसा बंद होना चाहिए. इस मौके पर उन्होंने गोहत्या पर उम्रकैद वाले गुजरात सरकार के फैसले की भी तारीफ की. सैयद जैनुल ने तीन तलाक के तरीके को भी इस्लाम विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि इस्लाम में महिलाओं को सम्मान दिया गया है. ऐसे में शरियत का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और तीन तलाक के नाम पर महिलाओं का उत्पीड़न नहीं करना चाहिए.