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मोदी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने कही कुछ ऐसी बातें…

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि रेलवे की हालत आपके शासनकाल से कहीं बेहतर ब्रिटिश शासनकाल में थी। इसलिए सरकार को इसमें सुधार के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए। रेलवे में आग से निपटने के सुरक्षा इंतजामों पर दाखिल एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस एस ए बोवडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की खंडपीठ ने टिप्पणी की, “ये (रेलवे) अंग्रेजी हुकूमत में आज से कहीं बेहतर था। आपको जरूर कुछ सुधार करने चाहिए।” जजों की बेंच ने रेलवे की तरफ से पेश हुए वकील से यह जानना चाहा कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़े रेल नेटवर्क होने के बाबजूद आखिर क्यों यहां मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। कोर्ट ने पूछा कि आपने क्वालिटी सर्विस देने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं?

जजों के सवाल के जवाब में रेलवे के वकील ने कहा कि सरकार ने ट्रेनों में साफ-सफाई के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। इसके अलावा यात्रा को आरामदायक और तेज गति से पूरी कतराने के लिए भी ठोस कदम उठाए गए हैं। लेकिन वकील के इस जवाब से खंडपीठ संतुष्ट नहीं हुआ और पूछा, “क्या आपने कभी ट्रेन में सफर किया है? क्या आपको पता है कि ट्रेनों के अंदर सुविधाओं की स्थिति क्या है? हमलोग आरामदायक सफर या लग्जरी जर्नी की बात नहीं कर रहे हैं, हम मूलभूत सुविधाओं की बात कर रहे हैं।”

कोर्ट ने कहा कि आज भी लाखों लोगों के लिए रेल सबसे बेहतर और उपयुक्त साधन है जिसके जरिए लोग अपने परिवार के साथ यात्रा करते हैं। इसलिए यह अनिवार्य है कि सरकार ट्रेनों में बुनियादी सुविधा और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कराए। कोर्ट ने सरकारी वकील को चार हफ्ते के अंदर रेलवे कोच के इंटीरियर में किए गए बदलावों का ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ट्रेनों में सफर करना सुरक्षित है और सुरक्षा मानकों पर खरा है। याचिकाकर्ता वकील अभय सिंह ने आरोप लगाया था कि रेलवे ने सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा है और ट्रेन के कोचों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है जो आग लगने की स्थिति में जहरीली गैस उत्सर्जित करती है।

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