नगर निगम चुनावों के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। अभी तक नगर निगम के लिए हुए कुल 10 चुनावों में कांग्रेस एवं भाजपा (जनसंघ व जनता पार्टी) के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है। इन चुनावों में अधिकांश बार कांग्रेस पर भाजपा भारी रही है।
नगर निगम के तीन हिस्से होने के बाद भी कांग्रेस एक भी नगर निगम में भाजपा को पछाड़ नहीं सकी। वहीं, इस बार आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में है। इस चुनाव में भी भाजपा इतिहास दोहराने में कामयाब होती है या फिर आम आदमी पार्टी एवं कांग्रेस उसे रोक पाती हैं, यह 26 अप्रैल को स्पष्ट हो जाएगा।
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नगर निगम चुनाव में पहली बार तीन प्रमुख दलों के बीच लड़ाई हो रही है। इससे पहले वर्ष 2007 एवं 2012 के चुनाव में बसपा ने त्रिकोणीय मुकाबला बनाने के लिए ताल ठोंकी, लेकिन दोनों बार वह कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी।
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मगर इस बार आम आदमी पार्टी पूरी ताकत के साथ नगर निगम चुनाव में उतरी है। आप ने गत वर्ष तीनों नगर निगम के 13 वार्डों के उपचुनाव में भाजपा एवं कांग्रेस से अधिक वार्डों में जीत हासिल की थी।