केरल लव जिहाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में हादिया ने कहा कि मुझे मेरी आजादी चाहिए। हादिया से CJI ने पूछा कि क्या वो राज्य के खर्चे पर अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है? हादिया ने जवाब में कहा कि वह पढ़ाई जारी रखना चाहती है लेकिन राज्य के खर्चे पर नहीं, बल्कि जब उसका पति उसकी जिम्मेदारी ले।
इससे पहले हादिया के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, ‘हादिया यहां हैं, कोर्ट को उन्हें सुनना चाहिए, NIA को नहीं, उन्हें अपनी जिंदगी का फैसला करने का अधिकार है।’ उधर एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में 100 पेज की जांच रिपोर्ट पेश की।
केरल हाईकोर्ट द्वारा मई, 2017 में 24 वर्षीया अखिला उर्फ हादिया और शफीन जहां की शादी को रद्द किए जाने के बाद से ही यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में छाया हुआ है। केरल लव जिहाद के नाम से चर्चित इस मामले में हादिया के पिता केएम अशोकन ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को सीरिया में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट को सौंपने के लिए बहला-फुसलाकर इस्लाम कबूल करवाया गया है और उसका तथाकथित पति इस साजिश में महज एक मोहरा है।
पिता के अनुसार उनकी बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। हाईकोर्ट के आदेशानुसार हादिया को उसके पिता की कस्टडी में दे दिया गया। अपनी शादी रद्द किए जाने के खिलाफ जहां ने अगस्त में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत ने 16 अगस्त को सुनवाई करते हुए इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को दे दी।
जांच की निगरानी का जिम्मा सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज को सौंपा गया।एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लव जिहाद के 89 मामलों में जबरन धर्म परिवर्तन कराने की बात सामने आई है और केरल में इस काम को एक स्थापित नेटवर्क अंजाम दे रहा है। एजेंसी ने कोर्ट को एक सीलबंद रिपोर्ट भी सौंपी है जिसमें हिंदू से मुस्लिम बनाई गई पीड़ित महिलाओं से बातचीत और धर्म परिवर्तन के इस खेल में शामिल लोगों के बारे में जानकारी दी गई है।