अलग पूर्वांचल राज्य के लिए जनजागरण अभियान
लखनऊ। अलग पूर्वांचल राज्य के गठन के लिए पूर्वांचल पीपुल्स पार्टी आगामी 8 दिसम्बर से पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक जनजागरण अभियान शुरू करेगी। यह यात्रा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीर बहादुर सिंह को स्मरण करते हुए गोरखपुर जनपद से प्रारंभ होगी जो चौरी-चौरा, हाटा, देवरिया, सलेमपुर, बेलथरा, मऊ, आजमगढ़, अंबेडकनगर व फैजाबाद होते हुए 12 दिसंबर को लखनऊ पहुंचेगी। इसके उपरांत प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक को पूर्वांचल की दर्दभरी पीड़ा एवं अलग राज्य बनाने की मांग वाला एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उक्त जानकारी देते हुए पूर्वांचल पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप पांडेय ने कहा कि पूर्वांचल में बंद कल-कारखाने, पीड़ादायक त्रासदी, पलायन, बेरोजगारी एवं बिजली संकट से निजात पाना है तो पूर्वांचल राज्य बनाना ही होगा। स्व. वीर बहादुर सिंह अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नहीं होते तो आज गोरखपुर किसी कस्बे से बदतर होता।
श्री पांडेय कहा कि आजादी के बाद से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर ज्यादातर पश्चिमी यूपी के लोग ही बैठे हैं जिनका पूर्वांचल से कोई लगाव नहीं है। स्व. कमलापति त्रिपाठी और स्व. वीर बहादुर सिंह को छोड़ दिया जाए तो किसी का लगाव पूर्वांचल से नहीं रहा है। स्व. कमलापतिजी ने बनारस, वीर बहादुर सिंह ने गोरखपुर और स्व. कल्पनाथराय ने मऊ का विकास किया। इन लोगों के जाने के बाद पूर्वांचल के लोग आज अपने आप को अनाथ महसूस कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सियासत करने वाली पार्टियों ने पूर्वांचल को अपनी राजनीति का चारागाह बनाकर सिर्फ यहां के लोगों को अंधेरे में धकेलने का काम किया। इसका नतीजा है कि बिजली, सड़क, कल-कारखाने, चिकित्सा, शिक्षा, कृषि हर क्षेत्र में आज पूर्वांचल देश के अन्य हिस्सों से काफी पिछड़ा है। पूर्वांचल राज्य निर्माण यात्रा में आजादी के आंदोलनकारियों, शहीदों को जगह-जगह माल्यार्पण किया जाएगा एवं जनसभा के माध्यम से पूर्वांचल राज्य के पक्ष में जनता को तैयार किया जाएगा। श्री पांडेय ने आगे कहा कि पूर्वांचल पीपुल्स पार्टी घटिया राजनीति की दिशा को बदलना चाहती है जिसमें नए नौजवानों को लोकसभा और विधानसभा में जाने का अवसर मिलेगा। परंपरागत धंधेबाज नेताओं के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा। स्वच्छ राजनीति और विकसित पूर्वांचल बनाने के लिए पूर्वांचल पीपुल्स पार्टी संकल्पित है और पूर्वांचल के लोग खुद अपने भाग्य बदलेंगे।