एजेन्सी/ गुवाहाटी: असम की तरुण गोगोई की सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को असम विधानसभा चुनाव के लिए शिवसागर और सोनारी विधान सभा क्षेत्र में दो सभाओं को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाए।
हालांकि राजधानी गुवाहाटी में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा विज़न डॉक्यूमेंट जारी किए जाने के कारण पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल इन सभा में शामिल नहीं हुए लेकिन शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस नारे को दुहराया कि ‘असम में अगर आनंद ही आनंद चाहते हैं तो सर्वानंद को को मुख्यमंत्री बनाना होगा।’ बीजेपी प्रमुख ने दोनों जगहों पर अपने भाषण के निशाने पर मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को रखा और कहा कि उनके 15 साल के कार्यकाल में आज राज्य निचले से चौथे स्थान पर पहुंचा गया है। उन्होंने अपने भाषण में कई आंकड़े दिए जिसमें राज्य में बिजली की स्थिति और उनके अनुसार केंद्रीय राशि का राज्य सरकार द्वारा सही उपयोग नहीं किया जाना मुख्य मुद्दा रहा।
बांग्लादेशी घुसपैठियों और चाय बागान श्रमिकों का मसला उठाया
शाह ने इस दौरान बांग्लादेशी घुसपैठियों और चाय बागान के मजदूरों की दयनीय स्थिति का मसला भी उठाया लेकिन भाषण में इस बात पर वे मौन रहे कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी, जो अपने आपको चाय वाले के रूप में पेश करते हैं, के कार्यकाल में चाय बागानों और मजदूरों की दशा सुधारने के लिए क्या कदम उठाये गए। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, असम में विधान सभा चुनावों की घोषणा होने के बाद पहली बार शनिवार को असम जा रहे हैं। वे विश्व के सबसे बड़े द्वीप माजुली जाएंगे जहां से सर्वानंद सोनोवाल पार्टी के उम्मीदवार हैं।
विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने पर यह बोले जेटली
मोदी सरकार बनने के बाद असम का विशेष राज्य का दर्ज खत्म किये जाने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह कदम 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर उठाया गया। उनका दावा था कि गोगोई का केंद्र की ओर से राज्य को मिलने वाली राशि में कटौती का आरोप गलत है क्योंकि 13वें वित्त आयोग और 14वें वित्त आयोग के दौरान राज्य को मिलने वाली राशि में 148 प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं। लेकिन जेटली ने उम्मीद जताई कि इस बार असम में उनके गठबंधन के कारण एनडीए को बहुमत मिल जाएगा।