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आंध्र प्रदेश सरकार क्वारंटाइन में रहने वाले मजदूरों को देगी 2000 रुपये

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश एक ऐसी योजना का प्रस्ताव किया है जिससे क्वारंटाइन कैम्पस में ठहरे हुए प्रवासी मजदूर वहां से न भागे। आंध्र प्रदेश सरकार उन गरीब और प्रवासी मजदूरों को 2 हजार रुपये देगी जो लॉकडाउन के दौरान अलग-अलग क्वारंटाइन कैम्प में है और अपने गृह राज्य जाने के लिए आतुर हैं।

मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को यह सुझाव दिया है कि जो कामगार लॉकडाउन के हटने तक कैम्पों में रहते हैं, उन्हें क्वारंटाइन पूरा होने के बाद जाते वक्त वित्तीय सहायता के तौर पर 2 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस राशि से उन्हें क्वारंटाइन के बाद खाने-पीने और घर जाने में मदद मिलेगी। पूरे मामले से वाकिफ एक अधिकारी ने बताया, “इससे उन प्रवासी कामगारों को उत्साह मिलेगा जो लॉकडाउन के हटने तक क्वारंटाइन कैम्प में ठहरे हुए हैं।”

राज्य के कई हिस्सों में वे लोग जिन्हें क्वारंटाइन में रखा गया था वे 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने के बाद पैदल ही कैम्प छोड़कर अपने पैतृक स्थान की तरफ जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने क्वारंटाइन कैम्प में दी जा रही सुविधाओं का पूरा ब्यौरा मांगा है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि जिन गरीब लोगों को सेंटर्स में रखा गया है उन्हें पोषक खाना जैसे- दूध, सब्जियां और अंडे दिए जाने चाहिए।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि क्वारंटाइन कैंप में हर व्यक्ति के ऊपर रोजाना 850 रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिनमें खाना, बिस्तर और कंबल पर 500 रुपये, साफ-सफाई पर 50 रुपये और किराए पर 300 रुपये का खर्च शामिल है।

उन्होंने बताया कि सभी क्वारंटाइन लोगों को स्वास्थ्यवर्धक खाना दिया जा रहा है, जिनमें चावल दाल, दही और सांभर के अवाला ड्राई फ्रूट्स, सिट्रस बिस्कुट दिए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य उनकी इम्युनिटी को बढ़ाना है।

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