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आखिर क्यों रघुवंश प्रसाद ने 32 साल पुरना साथ छोंड़ा, जाने क्या है वजह…

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले ही नोक झोक शुरू हो गई है। जैसे जैसे तारीख नजदीक आ रही है सियासती गलियारों में माहौल बदलता जा रहा है। इस बीच इस बीच सत्ता में वापसी का ख्वाब देख रहे राष्ट्रीय जनता दल को तगड़ा झटका लगा है। RJD के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को उन्होंने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिखी और कहा कि अब वो उनके साथ नहीं रह सकते हैं।

रघुवंश प्रसाद सिंह इन दिनों एम्स में भर्ती हैं, लेकिन वहां से ही एक कागज पर 38 शब्दों के संदेश के साथ उन्होंने RJD का अपना 32 साल पुराना साथ छोड़ दिया। RJD के पूर्व उपाध्यक्ष ने लालू प्रसाद यादव को संबोधित करते हुए लिखा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के बाद 32 वर्षों तक आपके पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं, पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन ने बड़ा स्नेह दिया, लेकिन मुझे क्षमा करें।

पार्टी से क्यों नाराज थे रघुवंश?

जब से लालू प्रसाद यादव बीमार हुए हैं और पार्टी पर तेजस्वी यादव-तेज प्रसाद यादव की कमान आई है, तभी से ही रघुवंश प्रसाद सिंह साइडलाइन होना शुरू हो गए थे। कई बार उन्होंने इसकी खुले तौर पर नाराजगी भी जाहिर की थी।

लेकिन जब बीते दिनों लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के सांसद रहे रामा सिंह को तेजस्वी और तेजप्रसाद ने RJD में शामिल करने की कोशिश की, तब उन्होंने अपनी नाराजगी खुलकर सबके सामने रखी, इसके बाद रामा सिंह की एंट्री पर रोक भी लगी, लेकिन तेजप्रताप की ओर से रघुवंश के खिलाफ बयानबाजी भी हुई। सबसे पहले रघुवंश प्रसाद सिंह ने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। और अब पार्टी को ही अलविदा कह दिया।

गौरतलब है कि रघुवंश प्रसाद सिंह RJD के उन चुनिंदा नेताओं में से हैं, जिन्होंने पार्टी को बुलंदी पर पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की है। जब लालू यादव संसद में नहीं थे, तब उन्होंने ही लोकसभा में पार्टी की आवाज को मजबूत किया। साथ ही यूपीए सरकार के दौरान जिस मनरेगा योजना की शुरुआत हुई थी, उस पूरी योजना को तैयार करने और लागू करने में रघुवंश प्रसाद सिंह का अहम रोल रहा।

बता दें कि जब रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी सामने आई, तब तेज प्रताप यादव ने उनके खिलाफ बयानबाजी भी की, साथ ही उनकी तुलना एक लोटा पानी से कर दी, जिसके बाद रांची के अस्पताल में भर्ती लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को बुलाया और फटकार लगाई।

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