अद्धयात्म

आज बजंरग बली सिद्ध करेंगे ये शुभ काम, जानिए श्रेष्ठ मुहूर्त

hanuman-569cb51cde78c_l19 जनवरी 2016 को मंगलवार है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: उत्तर, शाके: 1937, हिजरी: 1437, मु.मास: रवि-उलसानी-8, ऋतु: शिशिर, मास: पौष, पक्ष: शुक्ल है। 

शुभ तिथि
दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि दोपहर 12.20 तक, तदन्तर एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि रहेगी। दशमी तिथि में विवाहादि मांगलिक कार्य, अलंकार, यात्रा, प्रवेश, सवारी और राजकीय कार्यादि सिद्ध होते हैं। इसी प्रकार एकादशी तिथि में यज्ञोपवीत, विवाहादि मांगलिक कार्य, यात्रा, प्रवेश, अलंकार, प्रतिष्ठा व व्रतोपवास आदि कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। 
 
दशमी तिथि में जन्मा जातक धनवान, प्रतिभावान, धर्मकार्य ज्ञाता, कलाकार, परोपकारी, सद्व्यवहारी एवं यात्राएं बहुत करने वाला होता है।

नक्षत्र

कृतिका मिश्र व अधोमुख संज्ञक नक्षत्र रात्रि 9.46 तक, तदुपरान्त रोहिणी नक्षत्र नक्षत्र रहेगा। कृतिका नक्षत्र में सामान्यत: सभा, साहस, अग्निग्रहण, शत्रुनाश, विवाद, लोहा व मणि सम्बन्धी कार्य सिद्ध होते हैं। मांगलिक कार्यादि शुभ नहीं होते। पर रोहिणी नक्षत्र में समस्त पौष्टिक, विवाह, धन संचय, देवगृह, देवकृत्य, मांगलिक एवं अलंकारादिक कार्य शुभ होते हैं। 
 
कृतिका नक्षत्र में जन्मा जातक सामान्यत: तेजस्वी, बुद्धिमान, दानी, गम्भीर, कुशल, स्वाभिमानी, दृढ़ निश्चयी पर कृतघ्न, स्वेच्छाचारी, लोभी, चालाक व वाचाल होता है। इनका भाग्योदय लगभग 29 वर्ष की आयु के पश्चात् होता है। 

योग

शुभ नामक योग प्रात: 8.28 तक, तदुपरान्त अंतरात्रि अगले दिन सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.55 तक शुक्ल नामक शुभ योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक शुभ योग हैं।
 
विशिष्ट योग
सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग व दोष समूह नाशक रवि योग नामक शक्तिशाली शुभ योग रात्रि 9.46 तक, इसके बाद कुमार योग नामक शुभ योग रहेगा।करणगर नामकरण दोपहर 12.20 तक, इसके बाद रात्रि 11.32 तक वणिज नामकरण, तदुपरान्त भद्रा संज्ञक विष्टि नामकरण रहेगा। भद्रा शुभ कार्यों में वर्जित कही गई है।
 
चंद्रमा
सम्पूर्ण दिवारात्रि वृष राशि में रहेगा।

व्रतोत्सव

मंगलवार को सूर्य पूजा व शाम्ब दशमी (उड़ीसा में) तथा मन्वादि हैं।शुभ मुहूर्तउक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार मंगलवार को रोहिणी नक्षत्र में विवाह का शुभ मुहूर्त है।
 
दिशाशूल
मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। अति आवश्यकता में कुछ गुड़ खाकर शूल दिशा की अनिवार्य यात्रा पर प्रस्थान कर लेना चाहिए। चंद्र स्थिति के अनुसार दक्षिण दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी। 

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