नई दिल्ली (एजेंसी)। आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया है। केजरीवाल (45) उपराज्यपाल नजीब जंग से मिले और सरकार बनाने का दावा पेश किया। केजरीवाल ने कहा कि वह और उनके मंत्री रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण करेंगे। उन्होंने शपथ ग्रहण की कोई स्पष्ट तारीख नहीं बताई। कांग्रेस के आठ विधायकों के महत्वपूर्ण समर्थन का उल्लेख किए बिना केजरीवाल ने कहा कि उनके पास बहुमत है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव पारित करने दीजिए। इसके शीघ्र बाद केजरीवाल ने अपने 27 विधायकों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र का संचालन किया। आप ने पांच दिनों तक सरकार बनाने के लिए जनमत सर्वेक्षण किया और केजरीवाल ने घोषणा की कि दिल्ली की जनता ने व्यापक पैमाने पर सरकार बनाने के पक्ष में समर्थन दिया है। आप की 7० सदस्यीय विधानसभा में 28 सीटें हैं। भाजपा की 31 सीटें हैं। भाजपा के सरकार बनाने से इंकार करने के बाद आप को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस ने आप को सरकार बनाने के लिए बिना शर्त समर्थन दिया है। कांग्रेस ने सोमवार को आप को अपनी शुभकामनाएं दी और मतदाताओं से किए गए वादों को पूरा करने को कहा। चिढ़ी भाजपा ने आप के फैसले की आलोचना की और इसे जनता के साथ धोखा करार दिया। भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी और रमन मैगसेसे पुरस्कार विजेता केजरीवाल ने यह नहीं बताया कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा लेकिन उनके करीबी सहयोगी मनीष सिसौदिया ने घोषणा की कि विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने वाले अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनेंगे। सिसौदिया ने कहा ‘‘पार्टी ने शुरू से ही उनको अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया है। हमने विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा और सभी विधायकों ने उनको अपना नेता चुना है।’’इस तरह की अफवाहें थीं कि कोई और मुख्यमंत्री होगा और केजरीवाल संभवत: अन्य भूमिका निभा सकते हैं। सिसौदिया ने कहा कि जनमत सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली करीब 74 प्रतिशत जनता ने सरकार बनाने के पक्ष में वोट दिया है। सोशल मीडिया और एसएमएस के माध्यम से फीडबैक लेने के साथ ही आप ने पूरी दिल्ली में 28० सभाएं की। जिनमें से 257 में बहुमत आप की सरकार के गठन के पक्ष में था। भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्षवद्र्धन ने आरोप लगाया है कि सत्ता के लिए आप ने भ्रष्ट कांग्रेस से हाथ मिला लिया है। आप ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ा और अब वह एक ऐसी पार्टी से समर्थन ले रहे हैं जिसे जनता ने भ्रष्टाचार के कारण पूरी तरह नकार दिया है। इससे साबित हो गया है कि आप सत्ता की भूखी है।