आर्थिक तंगी से जूझ रही कांग्रेस ने नेताओं की फिजूलखर्ची पर लगाया लगाम
चुनावी मौसम में फंड के अकाल से जूझ रही कांग्रेस ने फिजूलखर्ची कम करने के लिए नेताओं को कड़ी हिदायत दी है. 24 अकबर रोड स्थित पार्टी हेडक्वार्टर से जारी किए गए फरमान में नेताओं को समझदारी से खर्च करने को कहा गया है. बचत करने के लिए पार्टी ने नेताओं के ट्रैवल और बाकी एलाउंस पर कैंची चलाने का मन बना लिया है.
1400 किलोमीटर कट आउट
पार्टी द्वारा 9 अक्टूबर को जारी किए गए खत में कहा गया है कि नेता जहाज की जगह रेल यात्रा करें. इसके लिए 1400 किलोमीटर कट आउट है. इसके लिए सचिवों को ट्रेन किराया ही मिलेगा न कि जहाज का किराया. 1400 किलोमीटर से अधिक के सफर पर जहाज का किराया मिलेगा, लेकिन महीने में सिर्फ दो बार. हालांकि, अगर ट्रेन किराया, वायु किराया से अधिक हो तो सचिव जहाज से सफर कर सकते हैं.
चाय-पानी में कटौती
नेताओं की फिजूलखर्ची से परेशान पार्टी ने उनकी कैंटीन में चाय-पानी के खर्चे में भी कटौती करने को कहा है. दरअसल, चुनावी मौसम में कार्यकर्ताओं की भीड़ में उफान होता है और ऐसे में कैंटीन के भारी भरकम बिल ने पार्टी को चिंता में डाल दिया है.
ऑफिस में भी बचत
पार्टी के सभी पदाधिकारियों को ऑफिस के खर्चों में भी कटौती करने को कहा गया है. दफ्तर में बिजली, न्यूजपेपर, स्टेशनरी जैसे खर्चे कुछ कम किए जाएं. पार्टी ने ये भी कहा है कि ऑफिस में एक स्टाफ को अधिकृत करें जो हर जरूरत की चीज के लिए साइन लेगा. बेफजूल बिजली खर्च कम करने के लिए कंप्यूटर और बाकी उपकरण तभी चलाए जाएं जब जरूरत हो.
यह निर्देश तमाम महासचिव, प्रभारियों, फ्रंटल संगठन के प्रमुख को भेजे गए इस चिट्ठी में दिए गए हैं. निर्देश है कि उनकी गैरमौजूदगी में बिजली के उपकरणों को बंद रखा जाए. इसके अलावा पार्टी पदाधिकारियों को स्टाफ के लिए मौजूद गाड़ियों पर भी नजर रखने को कहा गया है.
सचिव फील्ड पर ज्यादा, दिल्ली दर्शन कम करें
राज्यों के कांग्रेस के प्रभारी सचिवों से कहा गया है कि महीने में वो 15 से 20 दिनों तक अपने संबंधित राज्य में रहें और राज्य में ही अपना दफ्तर बनाएं. हालांकि, कांग्रेस कार्यालय में यात्रा के दौरान सचिवों को कामकाज के लिए जगह मुहैया कराया जाएगा.
सांसदों को नहीं मिलेगा ट्रैवल एलाउंस
चिट्ठी में ये भी लिखा है कि जो महासचिव सांसद है, उनको यात्रा भत्ता नहीं दिया जाएगा. गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस ने सब राज्य इकाइयों से एक करोड़ बूथ सहयोगी तैयार करने और उनके जरिए फंड एकत्रित करने की गुजारिश की थी.