नई दिल्ली: इंडोनेशिया प्लेन हादसे को देखते हुए भारत भी सतर्क हो गया है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने जेट एयरवेज और स्पाइसजेट को बोइंग 737 MAX विमानों में सेंसर की संभावित समस्या को लेकर कदम उठाने को कहा है। ध्यान रहे कि इंडोनेशिया में पिछले महीने लॉयन एयर का एक विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद अमेरिका के फेडरल एविएशन ऐडमिनिस्ट्रेशन (FAA) की ओर से बोइंग 737 मैक्स विमानों को लेकर जारी की गई अडवाइजरी के बाद DGCA ने यह निर्देश दिया है। अभी देश में जेट एयरवेज और स्पाइसजेट बोइंग 737 मैक्स विमान का इस्तेमाल करती हैं। इन दोनों एयरलाइंस के पास ऐसे कम-से-कम छह विमान हैं। DGCA के एक अधिकारी ने बताया कि अगर इन विमानों में सेंसर की समस्या को ठीक नहीं किया जाता, तो पायलट को विमान को कंट्रोल करने में मुश्किल हो सकती है। इसके कारण विमान की ऊंचाई को लेकर भ्रम हो सकता है और वह तेजी से नीचे आ सकता है।
लॉयन एयर विमान हादसे की शुरुआती जांच के आधार पर एफएए ने 7 नवंबर को इमर्जेंसी एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव (AD) जारी किया था। बोइंग ने इस मुद्दे पर 6 नवंबर को एक बुलेटिन भी दिया था। डीजीसीए के अधिकारी ने बताया कि एफएए का एडी प्राप्त होने के तीन दिनों के अंदर विमान के फ्लाइट मैनुअल में बदलाव किए जाने हैं। उन्होंने कहा कि डीजीसीए ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी भारतीय एयरलाइंस इसके अनुसार उपयुक्त कदम उठाए। बोइंग ने 6 नवंबर को कहा था कि उसने ऑपरेशंस मैनुअल बुलेटिन (OMB) जारी कर एयरलाइंस को ऐसी परिस्थितियों से निपटने की जानकारी दी है, जिनमें विमान के सेंसर से गलत इनपुट मिलता है। सिविल एविएशन मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने 30 अक्टूबर को कहा था कि इंडोनेशिया में विमान की दुर्घटना के बाद डीजीसीए को एयरलाइंस में इंजन और अन्य समस्याओं पर विचार करने के लिए कहा गया है। डीजीसीए ने जेट एयरवेज और स्पाइसजेट के बोइंग 737 मैक्स विमानों के प्रदर्शन की समीक्षा की थी।
इंडोनेशिया में लॉयन एयर का बोइंग 737 मैक्स विमान पिछले महीने के अंत में जकार्ता से उड़ान भरने के तुरंत बाद समुद्र में गिर गया था। विमान में 180 लोग सवार थे। ऐसी रिपोर्ट मिली थी कि इस विमान में उड़ान से पहले कुछ खराबी पाई गई थी, लेकिन उसे ठीक कर विमान को उड़ान भरने की अनुमति दी गई। डीजीसीए ने विमान की दुर्घटना को लेकर बोइंग और अमेरिका के रेगुलेटर एफएए से भी जानकारी मांगी थी।