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इनकी प्रेम की दास्ताँ सुन कर आ जायेंगे आपकी आँखों में पानी

हिसार में एक युवक ने दिव्यांग युवती के साथ प्रेम विवाह करके अनूठी मिसाल प्रस्तुत की है। लड़की दिव्यांग है और लड़का पूरी तरह से स्वस्थ। युवक की आयु 25 वर्ष है और वह 10वीं पास है। युवक वेल्डिंग का काम करता है। वहीं युवती की उम्र 32 वर्ष है और वो बीए-बीएड कर चुकी है। इलाज कराते समय युवक को दिव्यांग युवती से प्यार हुआ, और उसने उसे गोद में उठाकर सात फेरे ले लिए। युवक ने अपने माता-पिता के विरोध के बावजूद दिव्यांग प्रेमिका से शादी रचा ली। जहां कुम्हरान मोहल्ला निवासी अमित 10वीं पास है और वेल्डिंग का काम करता है।

हिसार: न उम्र की सीमा हो न जन्म का हो बंधन ये गाने की लाइने एकदम सटीक बैठती है हिसार के इस युवक पर जिसने प्रेम भावना और समर्पण का जीता-जागता उदाहरण पेश किया है। हिसार के कुम्हारान मोहल्ले में रहने वाले युवक अमित ने बरवाला की रहने वाली रानू के साथ सनातन धर्म चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से प्रेम विवाह रचाया है। चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से विवाह का प्रमाण पत्र जारी किया गया है। युवक-युवती दोनों अलग- अलग जाति से संबंध रखते हैं और विवाह करने के बाद दोनों काफी खुश हैं। लड़की रानू बीए-बीएड पास है और दिव्यांग है, उसके हाथ व पैर काम नहीं कर रहे। परिवार के विरोध के बावजूद दोनों ने बुधवार को सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट में प्रेम विवाह रचा लिया। अमित ने कहा कि इस फैसले से उसके माता-पिता खुश नहीं थे, लेकिन यह फैसला उसने और रानू ने मिलकर लिया है। उनको जिंदगी बितानी है और दोनों अपने फैसले से खुश हैं। अमित ने बताया कि वह वेल्डिंग का काम करता है। इसी काम से एक बार वह सेवक सभा अस्पताल में वेल्डिंग करने गया था। वहां पर रानू दाखिल थी, जिसके पास उसकी मदद के लिए कोई नहीं था, क्योंकि उसके माता-पिता की मौत हो चुकी थी। ऐसे में इंसानियत के नाते वह उसकी देखरेख के लिए अस्पताल में रुक गया और लगातार उसकी देखभाल करने लगा, इससे वह ठीक हो गई। बाद में वह उसे अन्य कई स्थानों पर भी चेकअप के लिए लेकर गया। इसी दौरान दोनों के बीच प्यार हो गया और उन्होंने शादी करने का फैसला कर लिया। सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्यों ने रामा कांप्लेक्स परिजात चौक स्थित कार्यालय में एक सादे समारोह में दोनों की शादी को संपन्न कराया। विवाह फिल्म में जिस प्रकार हीरो एक हादसे में जल चुकी अपनी प्रेमिका को गोद में उठाकर फेरे लेता है, कुछ इसी तरह अमित ने भी अपनी प्रेमिका रानू को गोद में उठाकर फेरे लिए। पंडित मंत्रोच्चारण करता रहा और अमित रानू को गोद में उठाकर फेरे की रस्म पूरी करता रहा। यह नजारा देखकर वहां मौजूद हर कोई इन दोनों के प्यार की तारीफ कर रहा था। यह अपने आप में एक अनोखी शादी है और इसे ट्रस्ट द्वारा संपन्न कराया गया। प्रेम विवाह का असली उदाहरण प्रस्तुत करते हुए लड़के अमित व लड़की रानू ने साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया है, जो सराहनीय है। लड़की के माता-पिता नहीं हैं और अमित ने लड़की के दिव्यांग होते हुए उसका सहारा बनकर हिम्मत का काम किया है। एक अनूठी मिसाल कायम करने के लिए सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से अमित-रानू को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। इस मौके पर चेयरमैन संजय चौहान, वाइस चेयरमैन जगदीश गुर्जर, महासचिव राजकुमार जाटव, कपिल भारद्वाज कैशियर, सुरेंद्र खटक सलाहकार, अंजू जांगड़ा काउंसलर व सरोज गौरा ने उन्हें स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। चेयरमैन संजय चौहान ने बताया कि उनकी संस्था प्रेमी जोड़ों का विवाह हिसार के सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के रामा कॉम्पलेक्स परिजात चौक स्थित कार्यालय में करवाती है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज से ऑनर किलिंग, प्रेम प्रसंग में आत्महत्या व जातिगत भेदभाव को रोकना है। उनकी संस्था पिछले लंबे समय से अंतरजातीय विवाह व प्रेम विवाह करवा रही है। अब तक लगभग 311 जोड़ों का विवाह संस्था द्वारा करवाया जा चुका है। ट्रस्ट की ओर से ऑनरकिलिंग को रोकने के लिए इसकी सूचना देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम भी रखा गया है।

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