दिल्ली। दक्षिण चीन सागर मामले पर वियतनाम भारत का साथ चाहता है। वियतनाम ने बुधवार को दक्षिण चीन सागर पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट की तरफ से आए फैसले पर भारत के रुख की तारीफ की और कहा कि अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वियतनाम यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत करेगी। चीन के साथ अपनी तनातनी के बीच वियतनाम ने इशारों-इशारों में इस मुद्दे पर भारत से समर्थन की उम्मीद जताई है।
भारत से समर्थन पर वियतनाम के राजदूत ने दिया बयान
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी सितंबर के पहले हफ्ते में वियतनाम का दौरा कर सकते हैं। हालांकि, इसकी तारीखें अभी तय नहीं हैं। बता दें कि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा पिछले 15 सालों में वियतनाम की पहली यात्रा होगी। राजदूत ने याद दिलाया कि दोनों देश राजनयिक संबंधों के 25 वर्ष और रणनीतिक संबंधों के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर समारोह की तैयारियों में जुटे हैं।
भारत से समर्थन में वियतनाम के राजदूत तोन सिन्ह थान ने कहा कि, ‘हम आशा करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा जल्द होगी। इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के नए अध्याय की शुरुआत होगी। हम आशा करते हैं कि इस दौरे से दोनों देशों के रिश्ते और व्यापक स्तर तक पहुंचेंगे। उनकी यात्रा संबंधी तैयारियां चल रही हैं।’
थान ने कहा कि साउथ चाइना सी पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत के फैसले पर भारत का जो रुख है, वियतनाम उसकी प्रशंसा करता है। राजदूत ने कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करता है, खासकर आवाजाही संबंधी स्वतंत्रता को लेकर। साउथ चाइना सी में दूसरे देशों को बलप्रयोग या बलप्रयोग संबंधी धमकी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या मोदी के दौरे के बीच ब्रह्मोस मिसाइल का मामला उठेगा तो थान ने कहा कि वियतनाम रक्षा क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की सराहना करता है। उन्होंने कहा, ‘हम जो भी खरीदते हैं वह आत्म रक्षा के लिए है।’