व्यापार

इस स्कीम के तहत बेहद्द सस्ते में खरीदें शुद्ध सोना, होगा भारी मुनाफा

सोना खरीदने का सपना हर कोई देखता है, लेकिन घरेलू बाजार में इसकी बढ़ती कीमतों के चलते कुछ ही लोग सोना खरीद पाते हैं। भारत में सोने के दाम ने आसमान छू लिया है। इस बीच आज हम आपको सोने में निवेश का एक ऐसा विकल्प बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। इस सरकारी योजना में निवेश से आपको मोटा मुनाफा हो सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड है बेहद लाभदायक
हम बात कर रहे हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ( Sovereign Gold Bond ) की, जिसके तहत आप पेपर गोल्ड खरीद सकते हैं। इन्हें सरकार जारी करती है। सरकार इन्हें खरीदने के लिए थोड़े-थोड़े समय पर विंडो खोलती है, जिसकी अवधि अक्सर दो से तीन महीने की होती है। योजना के तहत बाजार मूल्य से काफी सस्ता सोना खरीद सकते हैं।

नहीं देना होता मेकिंग चार्ज या जीएसटी
इसकी खास बात ये है कि इसमें आपको मेकिंग चार्ज या जीएसटी का भुगतान भी नहीं करना पड़ता है। अगर आप फिजिकल गोल्ड खरीदतें हैं, तो आपको ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं। मेकिंग चार्ज के अतिरिक्त आपको जीएसटी का भुगतान भी करना पड़ता है। लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश पर आपको ना तो जीएसटी देना पड़ता है, और ना ही कोई मेकिंग चार्ज। इसलिए इस योजना के तहत आपको बाजार मूल्य की तुलना में सस्ते में सोना मिल जाता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की एक और बात निवेशकों को आकर्षित करती है और वो यह है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप डीमैट रूप में परिवर्तित भी करवा सकते हैं। बॉन्ड को खरीदने के लिए निवेशकों को सेबी के अधिकृत ब्रोकर को इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है। इसे भुनाते वक्त पैसा निवेशक के खाते में जमा हो जाता है।

लोने लेने में भी करेगा मदद
यह बॉन्ड सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) की ओर से जारी किया जाता है। नेश्नल स्टॉक एक्सचेंज ( NSE ) के अनुसार, गोल्ड बॉन्ड को लोने लेने के दौरान कॉलैटरल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि यह बॉन्ड एनएसई पर ट्रेड भी करते हैं।

शुद्धता की भी कोई चिंता नहीं
इसके अतिरिक्त सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में शुद्धता की भी कोई चिंता नहीं होती। ऐसा इसलिए क्योंकि एनएसई के अनुसार, गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। सोने को आप डीमैट रूप में रख सकते हैं, जिससे यह सुरक्षित रहता है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है।

इस तरह मिलेगी आयकर छूट
गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि आठ साल की होती है और इस पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलता है। बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुरूप कर योग्य होता है, लेकिन इस पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होती है। अगर बॉन्ड को तीन साल बाद और आठ साल की परिपक्वता अवधि के पहले बेचा जाता है तो इस पर 20 फीसदी की दर से लांग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स लगेगा, लेकिन परिपक्वता अवधि के बाद बेचने पर मिलने वाला ब्याज करमुक्त रहेगा।

Related Articles

Back to top button