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इस्‍लामी उपदेशक जाकिर नाईक की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट

नई दिल्ली: विशेष पीएमएलए अदालत ने बुधवार को विवादित इस्‍लामी उपदेशक ज़ाकिर नाइक  के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भड़काऊ भाषणों के माध्यम से लोगों को उकसाने के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया है. पिछले हफ्ते ईडी की तरफ से कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद यह वारंट जारी हुआ. जाकिर 2016 से भारत के लिए वांटेड है. वह मलेशिया में शरण लिए हुए है.

मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने मंगलवार को कहा कि उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी ने उनसे विवादास्पद इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण के संबंध में अनुरोध नहीं किया है.

उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री एस. जयशंकर कह चुके हैं कि हम जाकिर नाइक को वापस चाहते हैं और इसे लेकर मलेशिया की सरकार को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया है.

उल्‍लेखनीय है कि हिंदुओं के खिलाफ नस्‍लीय टिप्‍पणी के आरोप में घिरे विवादित धार्मिक उपदेशक जाकिर नाईक पर मलेशिया के राज्‍य मेलाका ने धार्मिक भाषण देने पर पिछले अगस्‍त में प्रतिबंध लगा दिया है. स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक मेलाका के मुख्‍यमंत्री आदिली जाहरी ने कहा कि हम यहां सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहते हैं. इसलिए हमने जाकिर को यहां धार्मिक भाषण देने या लोगों को एकत्र करने पर पाबंदी लगा दी है.

मेलाका इस तरह जाकिर पर पाबंदी लगाने वाला मलेशिया का सातवां राज्‍य हो गया है. इससे पहले जोहोर, सेलांगोर, पेनांग, केदाह, परलिस और सरावाक राज्‍य अपने यहां जाकिर के धार्मिक भाषण देने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.

साल 2016 में ढाका के होली आर्टिसान बेकरी में हुए बम विस्फोट के मामले में नाम आने के बाद से नाईक भारत में आतंकवाद जैसे गंभीर आरोपों में वांछित है. मुंबई में जन्मा और विवादित पीस टीवी का संस्थापक 2017 में भारत से भागने के बाद मलेशिया में रह रहा है.

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