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प्रद्युम्न मर्डर केस में 16 साल के आरोपी छात्र पर चलेगा बालिग की तरह मुकदमा

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने प्रद्युम्न हत्याकांड में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. बोर्ड आरोपी नाबालिग छात्र पर जिला सेशन कोर्ट में मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. आरोपी की उम्र 16 साल है और उस पर अब तक जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में मुकदमा चल रहा था. सेशन कोर्ट में 22 दिसंबर से हत्याकांड पर सुनवाई होगी. प्रद्युम्न मर्डर केस में 16 साल के आरोपी छात्र पर चलेगा बालिग की तरह मुकदमा

प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर के वकील सुशील टेकरीवाल ने बताया कि अब नाबालिग आरोपी पर व्यस्क के तौर पर मुकदमा चलाया जाएगा. वहीं पिता वरुण ठाकुर ने इस फैसले पर खुश जताते हुए कहा कि मैं इस फैसले के लिए न्यायपालिका का शुक्रिया करता हूं. मैं जानता हूं कि ये यात्रा लंबी है लेकिन मैं अपने बेटे और दूसरे बच्चों के लिए इंसाफ पाने के लिए आखिर तक लड़ूंगा.

बोर्ड ने आरोपी छात्र के बारे में विशेषज्ञ की राय जानने के लिये एक समिति गठित की थी जिसमे पीजीआई रोहतक के एक मनोचिकित्सक को भी शामिल किया गया था. किशोर को सीबीआई ने पिछले महीने हिरासत में लिया था. समिति ने दो सीलबंद लिफाफों में अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी जिन्हें सुनवाई की पिछली तारीख पर खोला गया था. प्रद्युमन के पिता के वकील सुशील टेकरीवाल ने बताया कि यह रिपोर्ट इस किशोर के व्यवहार, मनोविज्ञान और समाज विज्ञान के पहलुओं पर आधारित थी. टेकरीवाल के अनुसार रिपोर्ट मे कहा गया था कि आरोपी पर वयस्क की तरह ही व्यवहार होना चाहिए और इसमें सुझाव दिया गया था कि वह जरूरत से अधिक आक्रामक है. जांच ब्यूरो के वकील ने भी इस किशोर के साथ वयस्क जैसा व्यवहार करने पर जोर दिया था.

7 नवंबर को आरोपी हुआ गिरफ्तार

गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के प्रद्युम्न की हत्या के मामले में 7 नवंबर को अहम मोड़ आया था. केस की जांच कर रही सीबीआई ने स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र को गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने बयान में कहा कि आरोपी छात्र ने स्कूल में पीटीएम और परीक्षाओं को टालने के लिए प्रद्युम्न की हत्या कर दी थी. आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया गया जहां उसे सीबीआई की रिमांड पर दे दिया गया. 

इससे पहले सीबीआई ने इस केस में स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बनाया था. पहले उसने गुनाह कुबूल कर लिया था लेकिन बाद में वह अपने बयान से पलट गया और कहा कि उसने दबाव में ऐसा कहा था. इसके चलते गुड़गांव पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी.

8 सितंबर को हुई थी हत्या

8 सितंबर को स्कूल के बाथरूम में सात वर्षीय प्रद्युम्न की हत्या कर दी गई थी. हत्या के कुछ घंटों के भीतर, बस कंडक्टर अशोक कुमार ने गुरुग्राम पुलिस द्वारा पूछताछ में कुबूल किया कि उसने प्रद्युम्न की हत्या की है. इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अशोक ने बताया कि वह प्रद्युम्न का यौन शोषण कर रहा था. विरोध करने पर उसने प्रद्युम्न की हत्या कर दी. गुरुग्राम पुलिस ने अदालत को बताया कि हत्या की जगह के साथ छेड़छाड़ की गई है और उसमें किसी तीसरे व्यक्ति के शामिल होने का संदेह है. बाद में प्रद्युम्न के परिवार की अपील पर केस सीबीआई को सौंप दिया गया.

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