उत्तराखंड

उत्तराखंड में बहुमत परीक्षण में मायावती का होगा अहम रोल

mayawati_1459771363उत्तराखंड में सरकार बनाने के लिए विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की संभावनाओं के बीच पीडीएफ का कुनबा बिखरता नजर आ रहा है। पीडीएफ अध्यक्ष मंत्री प्रसाद नैथानी जहां लगातार हरीश रावत के साथ होने का दंभ भर रहे हैं। वहीं झबरेड़ा विधायक व मंगलौर विधायक ने फैसले का अधिकार बसपा सुप्रीमो मायावती पर छोड़ा हुआ है। पीडीएफ के अलग-अलग सुर कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बन सकते हैं।

विधानसभा में फ्लोर टेस्ट को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने भी फ्लोर टेस्ट को लेकर केंद्र की मंशा पूछी है।

मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होनी है। लेकिन कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट की पूरी संभावनाएं नजर आ रही है। ऐसे में हरीश रावत और उनके करीबी कांग्रेस विधायकों को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। लेकिन हरिद्वार जनपद से पीडीएफ के दोनों सदस्यों के सुर अध्यक्ष नैथानी से अलग-अलग सुनाई दे रहे हैं।

 
पिछले दिनों नाटकीय घटनाक्रम के बाद अचानक बसपा का झंडा लहराने वाले झबरेड़ा विधायक हरिदास का कहना है कि सरकार के समर्थन को लेकर अंतिम फैसला बहन मायावती का होगा। मंगलौर विधायक व सरकार में मंत्री रहे सरवत करीम अंसारी को भी किसी भी फैसले के लिए मायावती के इशारे का इंतजार है।

अंसारी का कहना है बहन जी के आदेश का पालन किया जाएगा। ऐसे में छह विधायकों वाला पीडीएफ यदि डगमगाता है तो सरकार बनाने की संभावनाएं तलाश रही कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।

बसपा ने बनाई दूरी
पीडीएफ में शामिल दोनों विधायक भले ही बसपा सुप्रीमो के आदेश को सर्वोपरि बता रहे हैं लेकिन बसपा हाईकमान फिलहाल इस घटनाक्रम से दूरी बनाए हुए हैं। समर्थन को लेकर संगठन की ओर से भी कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई है।

 

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