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एडल्ट साइट पर दोस्त बनी महिला, सामने आई तो खुला ‘खतरनाक राज’

adult-site_1464059322एजेंसी/ एडल्ट वेबसाइट्स के मकड़जाल में वाराणसी के लोग भी फंस रहे हैं। इसका खुलासा रविवार की देर रात तब हुआ जब एक एडल्ट वेबसाइट पर मिले मोबाइल नंबर से एक महिला से हुई दोस्ती गौरव पंसारी और उसके दोस्त मोहित केजरीवाल की जान पर बन आई। गौरव जिस नंबर पर बात करता था उसे इस्तेमाल करने वाली अपराजिता ने आर्थिक मदद के लिए उसे संस्कृत विश्वविद्यालय के समीप बुलाया।
 

इसी दौरान मौके पर आया उसका पति अभिषेक, अपराजिता और उसके दो दोस्त ने गौरव और मोहित को पीटकर उनसे रुपये और मोबाइल छीनने की कोशिश की। छीनाझपटी में अपराजिता के पति अभिषेक ने गोली चलाई जो उसके दोस्त गोलू गिरि के जबड़े में जा लगी।

सीओ चेतगंज अनुराग आर्या के नेतृत्व में गठित तीन टीमों ने एक पिस्टल, दो कारतूस, लूट के पांच हजार रुपये, एक बाइक के साथ अपराजिता, अभिषेक और उसके दोस्त विकास सिंह को कैलगढ़ कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया। वहीं, गोलू का उपचार मलदहिया स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

सीओ चेतगंज ने बताया कि दुर्गाकुंड के गौरव पंसारी की दोस्ती एक डेटिंग वेबसाइट पर मिले नंबर के जरिये चेतगंज के कैलगढ़ कॉलोनी की अपराजिता सिंह से हुई थी। दोनों में बातचीत बढ़ी तो अपराजिता ने गौरव से कहा कि उसे पांच-छह हजार रुपये की जरूरत है। अपराजिता की बात में आकर गौरव अपने दोस्त मोहित के साथ स्कूटी से रुपये देने के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के गेट पर पहुंचा और उसे फोन किया। 

इस पर अपराजिता ने कहा कि वीसी आवास गेट पर आओ। गौरव के वहां पहुंचते ही एक बाइक से तीन और युवक आए। अपराजिता ने तीनों युवकों से कहा कि ये गौरव और इसका दोस्त काफी पैसे वाला है, इन दोनों को मारकर इनका सब कुछ छीन लो। तीनों ने गौरव की जेब से जबरन पांच हजार रुपये निकाल लिए।

मोबाइल छीनने पर गौरव ने विरोध किया तो अभिषेक ने उस पर निशाना साधकर गोली चलाई। गौरव झुक गया तो गोली गोलू के जबड़े में जा लगी। सीओ चेतगंज ने बताया कि गोलू के स्वस्थ होते ही उसे भी जेल भेजा जाएगा। पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि गोली चलाने वाला अभिषेक ही अपराजिता का पति है जबकि विकास व गोलू उसके दोस्त हैं।

सीओ चेतगंज ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि अकेला गौरव ही अपराजिता का शिकार नहीं हुआ है। पहले भी पांच लोगों के साथ ऐसी ही घटना की बात इसने स्वीकार की। हालांकि इज्जत बचाने के चक्कर में कोई भुक्तभोगी पुलिस के पास नहीं आया। वहीं, अपराजिता का कहना था कि मुहल्ले वालों के लगातार विरोध के चलते उसने गौरव को घर से दूर बुलाया था ताकि वह उसके ठिकाने के बारे में न जान सके।

जब उसने गौरव के साथ एक और लड़के को देखा तो लगा कि दोनों संपन्न घर के हैं और उनके पास ज्यादा रुपये और एटीएम वगैरह भी होंगे। अपराजिता का कहना था कि वो इसी तरह से लड़कों को फंसाती थी और फिर उन्हें लूटकर भगा देती थी। उसे यह पता था कि कोई पुलिस के पास नहीं जाएगा और शिकार हुआ व्यक्ति दोबारा फोन भी नहीं करेगा। वहीं, कैलगढ़ कॉलोनी के लोगों का कहना था कि अपराजिता के घर में आए दिन नए-नए चेहरे आते थे। इस पर आपत्ति जताने पर वह झगड़े पर आमादा हो जाती थी।

 
 

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