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ऑनर किलिंग- एक माह बाद भी दहशत में जी रहे हैं लोग

honor-kiling-people-are-in-terror-after-a-month-56fe20828b992_lएजेन्सी/राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा उस समय अंचभित रह गई, जब ऑनर किलिंग के मामले में करीब एक माह गुजरने के बावजूद पचलासा गांव में दशहत का आलम नजर आया। गांव के लोग डरे-सहमे नजर आए और घटनाक्रम को लेकर हर कोई खुल कर बोलने से कतराता रहा। शर्मा ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए गांव के लोगों में विश्वास जगाने में नाकामी पर पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने घटना के बाद से विस्थापित पीडि़त परिवार के गांव में सुरक्षित पुनर्वास को लेकर भी सख्त निर्देश दिए।

महिला आयोग अध्यक्ष शर्मा तथा सदस्य रीना भार्गव का दो सदस्यीय दल गुरुवार दोपहर करीब दो बजे आसपुर पहुंचा। सोम कमला आंबा परियोजना के विश्रान्ति भवन में दल ने अधिकारियों व महिला कार्मिकों की बैठक ली। इसमें 4 मार्च की रात्रि को पचलासा छोटा गांव में रमू उर्फ रामेश्वरी पत्नी प्रकाश सेवक को उसके भाई सहित अन्य लोगों की ओर से सरेआम गांव के चौराहे पर जिन्दा जला देने की घटना की जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि इस तरह की घटना से पूरा प्रदेश शर्मसार हुआ है। इनकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए जरूरी है कि ऐसे तत्वों को हतोत्साहित किया जाए। उन्होंने मामले में किसी भी दोषी को नहीं बख्शने तथा घटना के बाद से विस्थापित पीडि़त परिवार को वापस गांव में बसाने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए।

ग्रामीणों से संवाद

बैठक के बाद दल पचलासा छोटा पहुंचा। गांव में जनजीवन तो सामान्य नजर आया, लेकिन घटनाक्रम को लेकर लोग अब भी सहमे नजर आए। दल ने घटनास्थल सहित पीडि़त परिवार के मकान आदि का अवलोकन किया। ग्रामीणों से संवाद का प्रयास करने पर कोई भी कुछ बताने से डरता रहा। दल ने महिलाओं, बालिका व घटना स्थल के आसपास के लोगों से जानकारी चाही तो हर कोई अनभिज्ञता जताता रहा। मौतबिरों ने भी संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। गांव के ही एक बुजुर्ग ने कहा कि इस मामले में निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है, इस पर अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि दोषियों के बारे में जानकारी है, इस पर वे भी सकपका गए और चुप्पी साध ली। दल ने सरपंच पति कल्लू मईडा, दलपतसिंह राठौड, मावसिंह राठौड, हल्का पटवारी, ग्राम सेवक, आंगनवाडी कार्यकत्र्ता आदि सबसे पूछताछ कर मामले की तह में जाने का प्रयास किया। इस दौरान जिला पुलिस अधिक्षक अनिल कुमार जैन, उपखंड अधिकारी रमणलाल पाटीदार, एएसपी रामजीलाल चंदेल, उपाधीक्षक बृजराजसिंह चारण, साबला बीडीओ महेशचन्द्र अहारी, थानाधिकारी लक्ष्मण डांगी आदि मौजूद थे।

हर गांव में बनाएंगे निगरानी समिति

महिला आयोग अध्यक्ष सुमन शर्मा ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में कहा कि प्रकरण को लेकर आयोग संवदेनशील है। घटना से सबक लेते हुए प्रत्येक पंचायत में पांच सदस्यीय निगरानी समिति बनाई जाएगी। इसमें दो महिलाएं भी शामिल होंगी। समिति सामाजिक गतिविधियों पर निगरानी रखकर इस तरह के अपराधों को रोकने वातावरण निर्माण करेगी। अपराध मुक्त गांव बनाने वाली समिति को आयोग पुरस्कृत करेगा। उन्होंने कहा कि प्रकरण में दोषियों को सजा दिलवाने में मौजूदा साक्ष्य सबूत पर्याप्त है। पीडित परिवार को उनके घर में वापस बसाने के साथ उनकी सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया जाएगा। साथ ही इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ती नही हो इसको लेकर ग्रामीणों को पाबंद किया जाएगा।

पुनर्वास पहली प्राथमिकता

शर्मा ने घटना के बाद से डर के मारे अन्यत्र रह रहे पीडि़त परिवार को वापस गांव में बसाने को पहली प्राथमिकता बताया। साथ ही गांव के मौतबीरों से सुरक्षित पुनर्वास में सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि घटनाक्रम ने पूरे प्रदेश को शर्मसार किया है, गांव की बदनामी हुई है। ऐसे में अब गांव की जिम्मेदारी है कि वह पीडि़त परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार जैन सहित अन्य को भी सुरक्षित पुनर्वास के लिए निर्देशित किया। दल ने मृतका की सास कलावती, पति प्रकाश से भी संवाद कर मृतका की तीन साल की बेटी की परवरिश के लिए आयोग को गोद देने की पेशकश की, लेकिन परिवार ने इनकार कर दिया।

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