नसीर के पुराने मैनेजर जसपाल एक चाकू लेकर नसीर पर पीछे से वार करने वाले थे, लेकिन ऐन वक़्त पर ओम ने आकर जसपाल का हाथ पकड़ लिया था।
बॉलीवुड में नसीरूद्दीन शाह और ओम पुरी के बीच दोस्ती एक मिसाल की तरह है। दोनों ने त़करीबन एक साथ करियर शुरू किया और कई दशकों तक दोस्त रहे। ओम ने एक बार नसीर की जान भी बचाई थी।
नसीर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में इस बात का भी जिक्र किया है कि कैसे एक बार नसीर को ओम ने बचाया था। हुआ यह था कि नसीर के पुराने मैनेजर जसपाल एक चाकू लेकर नसीर पर पीछे से वार करने वाले थे, लेकिन ऐन वक़्त पर ओम ने आकर जसपाल का हाथ पकड़ लिया था। नसीर ने ओम के बारे में कुछ और दिलचस्प बातों का खुलासा किया है। पुराने दौर से ही ऐसी कुछ अफ़वाहें हैं, जो हमेशा सरनेम की वजह से फैलती रही हैं। ऐसी ही कुछ फेमस गलफहमियों में यह बात भी शामिल है कि खलनायकों के मशहूर किरदार निभाने वाले अमरीश पुरी, ओमपुरी और शिव पुरी सगे भाई थे।
सिर्फ दर्शक ही नहीं, इंडस्ट्री में कई सालों तक इस बात को लेकर बातें होती रही थीं और आपको जानकर हैरानी होगी कि शुरुआती दौर में कभी भी ओम पुरी लोगों का यह भ्रम दूर भी नहीं करते थे। दिलचस्प बात यह भी थी कि ओम अपनी आवाज़ के साथ काफी कलाकारी कर लेते थे। वो जब फोन पर किसी से बात कर रहे होते थे, तो वह किसी व्यक्ति की ऐसी नक़ल उतारते थे, कि सामने वाले कभी इस बात को समझ ही नहीं पाते थे कि वाकई आवाज़ किसकी है। यह राज़ खुद उनके सबसे करीबी दोस्त नसीरुद्दीन शाह ने खोला है।
उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया है कि कई बार वह फोन करके अमरीश पुरी की आवाज़ में बात करते थे और नसीर भी मान बैठते थे, कि यह अमरीश ही हैं। बाद में ठहाके लगाकर वह हंसते थे, और कहते थे, साले तू भी नहीं पकड़ पाया। नसीर ने यह भी स्वीकारा है कि ओम पुरी की आवाज़ की वजह से कई फिल्मों में उसे ऐसे दृश्य दिए जाते थे, जिसमें वह अपनी आवाज़ से खेल सकें। फिल्म अर्ध्य सत्य में एक ऐसा ही दृश्य है, जिसमें वह फोन पर हैं। इस दृश्य में ओम ने जान डाल दी थी।ओम नसीर की हालत देखकर फूट -फूट कर रोये थे। नसीर को दो मिनट के बाद पूरी बात समझ आयी। यह फिल्म भूमिका की शूटिंग के दौरान की बात है।