भोपाल : प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मीसाबंदियों की पेंशन बंदकर करने के कुछ दिनों के बाद ही यू टर्न ले लिया है। सरकार अब मीसाबंदियों का भौतिक सत्यापन कराने जा रही है। इस बारे में मंगलवार शाम को सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव धरणेन्द्र कुमार जैन की ओर से प्रदेश के सभी कलेक्टर को आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि सत्यापन राजस्व निरीक्षक से कराया जाए और स्थानीय लोगों से भी तस्दीक की जाए। गौरतलब है कि सरकार ने फिजूलखर्ची कहते हुए मीसाबंदियों की पेंशन बंद कर दी थी। इसका मीसाबंदियों ने जोरदार विरोध किया था। मीसाबंदियों को हर महीने 25000 रुपये मिलते थे। इन पर शासन के 75 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च होते थे। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार ने अपने खास लोगों को उपकृत करने के लिए करोड़ों की फिजूलखर्ची की है। साल 2008 में शिवराज सरकार ने मीसा बंदियों को 3000 और 6000 पेंशन देने का प्रावधान किया। बाद में पेंशन राशि बढ़ाकर 10,000 रुपये की गई। साल 2017 में मीसा बंदियों की पेंशन राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई।