कर्ज से मुक्ति पाने के लिए इस तंत्र का लें सहारा
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए मंगलवार को खादिर की लकड़ी पर मंगल के मंत्रों से आहुति और तत्पश्चात अधजली लकड़ी से भूमि पर तीन लकीर खींचकर बाएं पैर के अंगूठे से मिटाना लाभ प्रदान करता है, ऐसा मैं नहीं, तंत्र के सूत्र कहते हैं। ये भी जानें
– जिसके चेहरे पर रौब के साथ शालीनता और विनम्रता भी हो, जिनके अंदर स्वाभिमान कूट-कूट कर भरा हो, पर वह दूसरों के स्वाभिमान की भी रक्षा करता हो, जिसे भाइयों का पूरा सुख प्राप्त होता हो, जिनके विवाह समारोह में बहुत सारे मित्रों या पूरी मित्र मंडली एकत्रित हो, जिन्हें वाहन का सुख मिलता हो, तो यह कुंडली में मंगल अच्छा होने का लक्षण है।
प्रश्न: क्या मैं डिफेंस अकैडमी में जा सकता हूं? कोई उपाय बताइए।
उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपकी राशि वृश्चिक और लग्न कन्या है। आपके करियर का स्वामी बुध अपने ही घर में विराजकर जहां आपको एक उत्तम योग से नवाज रहा है, वहीं पराक्रमेश मंगल कर्म भाव में विराजकर उत्तम भविष्य की कहानी कह रहा है। इसी में भाग्येश शुक्र भी लाभ में चंद्रमा के घर में बैठकर जीवन में विशिष्ट लाभ की चुगली कर रहा है। इस समय आप शनि की साढ़ेसाती के अंतिम पायदान पर हैं। विधाता का स्पष्ट संकेत है कि आप निश्चित तौर पर डिफेंस अकैडमी में जा सकते हैं, पर उसके लिए पूरी निष्ठा और एकाग्रता से कठिन श्रम की दरकार होगी। इसके अलावा मैं आपके लिए चार्टर्ड अकाउंटेंसी या फाइनैंस में MBA करने की अनुशंसा करता हूं। गायत्री मंत्र का जाप, शनिवार को नि:संतान व्यक्तियों को तैलीय भोजन का दान और रविवार को नमक के त्याग से लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं, मान्यताएं कहती हैं।
प्रश्न: क्या कुंडली मिलान का कोई अर्थ है? क्योंकि विश्व की 95 फीसदी आबादी यह पद्धति नहीं अपनाती। मुझे यह मान्यता निरर्थक और असत्य प्रतीत होती है। सच्चाई क्या है?
उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि किसी विधा से अनभिज्ञ होने से उसकी सार्थकता कम नहीं हो जाती। आधुनिक विश्व के अधिकतर हिस्सों में कुंडली मिलान की हमारी ज्योतिषिय पद्धति का प्रचलन नहीं है, क्योंकि शायद वे इस विधा से परिचित ही नहीं हैं। जैसे विश्व के पिछड़े इलाकों में हृदय के प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध न होना या उसका ज्ञान न होना मात्र मेडिकल साइंस की सार्थकता को कम नहीं कर सकता, वैसे ही संसार के अधिकतर देशों में ज्योतिषिय ज्ञान का अभाव ज्योतिष की विवाह-मिलान पद्धति को निरर्थक सिद्ध नहीं कर सकता। वैवाहिक मेल की ज्योतिषीय प्रणाली विशिष्ट तकनीक और गणना पर आधारित है, ऐसा मैं अनुभव के आधार पर कह सकता हूं।
प्रश्न: क्या शादी के पहले पर्फ्यूम्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मेरी दादी कहती हैं कि इससे प्रेत अपने चंगुल में ले लेते हैं। इसलिए मुझे इत्र से बहुत डर लगता है। क्या ये सच है?
उत्तर: नहीं, यह अवधारणा सच नहीं है। सद्गुरुश्री कहते हैं कि यह एक कही-सुनी और अज्ञानतावश से उपजी असत्य मान्यता है। प्रेत पकड़ लेते हैं, इस कथन में आशय स्पष्ट नहीं है। आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार हम पांच तत्वों से निर्मित स्थूल शरीर में हैं। इस शरीर में प्रत्यक्ष लाभ और हानि प्रदान करने के लिए स्थूल शरीर की ही आवश्यकता है, जबकि भूतों की अवधारणा स्थूल शरीर से इतर शुरू होती है। इस सुनी-सुनाई बात का कोई वैज्ञानिक या आध्यात्मिक आधार नहीं है, जो पदार्थ मन-मस्तिष्क को मस्त कर दे, उसका कोई साइड इफेक्ट हो भी सकता है, ऐसा मुझे नहीं लगता। अतः निरर्थक का भय त्याग दें।
उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि सकारात्मक सोच व मीठी वाणी के साथ सही दिशा में अनवरत सटीक कर्म ही आर्थिक संबल के लिए अनिवार्य शर्त है। संदर्भ के लिए सबको धन प्रदान करने की जिम्मेदारी किसी एक ग्रह पर नहीं है। भाग्येश, कर्मेश, लग्नेश और धनेश को कुंडली में आर्थिक स्थिति के लिए जिम्मेदार ग्रह माना जाता है। आप चाहें, तो उन ग्रहों की उपासना कर सकते हैं, पर सनद रहे सही कर्म ही श्रेष्ठ भाग्य निर्मित करते हैं।
प्रश्न: मेधावी होने के बाद भी मेरे बेटे को प्रतियोगिताओं में अभी तक सफलता नहीं मिली है। कोई उपाय बताएं।
उत्तर: सद्गुरुश्री कहते हैं कि आपके सुपुत्र की राशि कन्या और लग्न कर्क है। इस समय वो शनि की ढैया के अधीन हैं। ये काल मिलाजुला फल प्रदान करेगा। आप बिलकुल चिंता न करें। जनवरी 2020 के पश्चात वह शनि की ढैया से मुक्त होकर सफलता की ओर अग्रसर होंगे। कुछ बूंद दुग्ध मिश्रित जल से स्नान करने से लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं, पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं।