एम्स के मनोवैज्ञानिक डॉ. राजेश सागर कहते हैं, ‘गुस्सा, किसी भी व्यक्ति में कम धैर्य, चिड़चिड़ापन, बर्दाश्त न कर पाने के कारण पैदा होता है। इसकी वजह से व्यक्ति को नींद भी कम आती है और उसका खानपान भी प्रभावित होता है। हालांकि, गुस्सा लाइलाज बीमारी नहीं है।
साइकोथेरेपी से इसका उपचार संभव है, जिसमें व्यक्ति को गुस्सा आने वाले कारणों की पहचान कर, उसे एंगर मैनेजमेंट सिखाया जाता है। इस थेरेपी में कुछ रिलैक्सेशन एक्सरसाइज भी बताई जाती है।’
यूरोपियन हार्ट जर्नल में छपे एक रिसर्च के मुताबिक, यदि गुस्सा दो घंटे से अधिक समय तक कायम रहता है, तो इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।