लखनऊ

घोटाला: 120 करोड़ में बेचे 3400 करोड़ के प्लॉट

एक ओर गोमतीनगर विस्तार में 300 आवंटी अपने भूखंडों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर एलडीए में दलाल पुराने फंसे आवंटियों की फाइलें खरीद कर उनका रसूखदारों के नाम समायोजन करवा रहे हैं। इसमें बाबुओं का कॉकस और कई अफसर शामिल है।acr468-54dbc6aa29a3cPlots
ऐसे मामलों में करीब 3400 करोड़ रुपये बाजार भाव के 42 भूखंडों का समायोजन गोमतीनगर विस्तार में किया गया है। इनकी कीमत प्राधिकरण को मात्र 120 करोड़ रुपये के लगभग ही मिली है। यह आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत एलडीए यूनियन के पदाधिकारियों ने वीसी से की है।

इसमें गोमतीनगर विस्तार सेक्टर-1 के 17 भूखंडों के नंबर फिलहाल खुल गए हैं। जबकि, 25 भूखंड इसी तरह से दूसरी जगह समायोजित किए गए हैं। आरोप यह भी है कि सामुदायिक सुविधा की जो जमीन मास्टर प्लान के उजरियावां भाग-4 में दर्ज थी, उसका आधा हिस्सा बदल कर इन भूखंडों की भेंट चढ़ गया है। ये खेल प्राधिकरण की पिछली बोर्ड में मीटिंग खेला गया।

एक बार लैंडयूज बदल गया तो इसके बाद में समायोजन का खेल हुआ। ये भूखंड फिलहाल पुराने आवंटियों के नाम दर्ज हैं। दलालों ने इन आवंटियों को उनके प्राधिकरण में जमा धन के अतिरिक्त कुछ और रुपये देकर इनकी फाइलें अपने कब्जे में ले ली है।

गोमतीनगर विस्तार में करीब 300 भूखंड ऐसे हैं, जिन्हें प्राधिकरण ने 10 साल पहले आवंटित किया था। इन पर आवंटियों को अब तक कब्जा नहीं दिया जा सका है। इन्हीं परेशानहाल आवंटियों में से कुछ आवंटियों को दलाल अपने निशाने पर लेते हैं।

गोंडा के एक आवंटी जो पिछले काफी साल से एलडीए में अपने भूखंड के लिए संघर्ष कर रहे थे, उनको भूखंड में अब तक जमा धन के अतिरिक्त कुछ और रुपया देकर एक दलाल ने उनकी पत्रावली खरीद ली।

इसी पत्रावली को आधार बना कर भूखंड का समायोजन पुरानी विवादित बिंदु की जगह नए समायोजित हुए गोमतीनगर विस्तार सेक्टर-1 में कर दिया गया। पुराना परेशान आवंटी होने की वजह से कोई विवाद भी नहीं हुआ और रसूखदारों के लिए एक भूखंड का अवैध आरक्षण कर दिया गया।

प्लॉटों की कीमत हुई 80 लाख से एक करोड़
यहां करीब 2200 वर्ग मीटर के इस भूखंड की एलडीए की दर से कीमत पुरानी दरों पर करीब 25 से 30 लाख रुपये है। जबकि वर्तमान बाजार दर के हिसाब से यही प्लाट 80 लाख से एक करोड़ रुपये के बीच हैं। यानी 50 से 70 लाख रुपये का एक भूखंड पर विशुद्ध लाभ। इसी लाभ के हिस्से बांट कर ये सैकड़ों करोड़ रुपये का खेल प्राधिकरण के अधिकारियों ने खेला है।

गोमतीनगर विस्तार के 42 भूखंडों का समायोजन बिना किसी लॉटरी के कर दिया गया। यह पूरी तरह से गलत है। ये समायोजन कब हुए, किसने किए और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कब की गई, इसका किसी के पास भी जवाब नहीं है।

एलडीए कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह और महामंत्री दिनेश शुक्ल का कहना है कि ये बड़ा खेल है। ये पूरा गोलमाल स्पष्ट है। पूरा खेल केवल अपनों में रेवड़ियां बांटने के लिए ही खेला गया है। पात्रों की जगह अपात्रों को आवंटी बनाने की तैयारी की गई है। समायोजन में सारे नियम ताक पर रख दिए गए हैं।

इन भूखंडों में खेला गया खेल
भूखंड संख्या–पंजीकरण संख्या
1/डी-1–2583535
1/डी-2–अज्ञात
1/डी-3–2547546
1/डी-4–2641621
1/डी-5–2647738

1/डी-6–2648214
1/डी-7–2574103
1/डी-8–2652637
1/डी-9–2552176

1/डी-10–अज्ञात
1/डी-11–अज्ञात
1/डी-12–अज्ञात
1/डी-13–अज्ञात

1/डी-14–2566945
1/डी-15–2887557
1/डी-16–2566531
1/डी-17–अज्ञात

उजरियावां आवासीय योजना भाग 4 के तहत अर्जित भूमि खसरा संख्यरा 1599/4 जिसका रकबा .076 हेक्टेयर है। इसकी 50 फीसदी भूमि छह नवंबर को हुई एलडीए की बोर्ड मीटिंग में समायोजित की गई थी। इस भूमि .38 हेक्टयेर भूमि पर 17 प्लॉट काटे गए हैं। इन भूखंडों की लोकेशन इतनी शानदार है कि सामने शहीद पथ गुजर रहा है और इनके ठीक पीछे की ओर से हैनीमैन चौराहे से गोमतीनगर विस्तार को अपने वाला फ्लाईओवर है।

यहां भी गड़बड़झाला
गोमतीनगर विस्तार सेक्टर-4 में शहीद पथ को फेस करते हुए 16 अन्य भूखंडों का अवैध समायोजन किया गया है। इनका क्षेत्रफल 200 मीटर है। सामुदायिक सुविधा के 17 भूखंडों के अलावा सेक्टर-1 में ही दो अन्य प्लाटों का समायोजन किया गया है। इनको लेकर भी आरोप है कि हाईकोर्ट के आदेशों के तहत होने वाले समायोजनों की आड़ में इन भूखंडों को अपनों में बांटने का खेल खेला जा रहा है।

इस पर एलडीए के उपाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह का कहना है कि फिलहाल ये जानकारी है कि हाईकोर्ट में जो प्रकरण लंबित थे, उनको समायोजित किया गया है। इसके अलावा अगर कोई गड़बड़ी हुई तो उसकी जांच जरूर करवाई जाएगी। अगर गड़बड़ हुई तो जो भी इससे जुड़े हुए लोग हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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