चिदंबरम की गिरफ्तारी को बताया ‘अच्छी खबर’, इंद्राणी मुखर्जी ने कहा-कार्ति की भी अग्रिम रद्द हो जमानत
नई दिल्ली : आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर इंद्राणी मुखर्जी ने खुशी जाहिर की है. मीडिया के सवाल पर इंद्राणी ने पी चिदंबरम की गिरफ्तारी को अच्छी खबर बताया है. गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी के बयानों के आधार पर ईडी और सीबीआई ने चिदंबरम पर शिकंजा कसा था. हालांकि इंद्राणी मुखर्जी खुद अपनी बेटी की हत्या के आरोपा में जेल में बंद हैं। आईएनएक्स मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या मामले में जेल में बंद हैं. आईएनएक्स मीडिया केस में 30 अगस्त तक जेल में बंद पी चिदंबरम के बारे में जब इंद्राणी से पूछा गया तो उन्होंने इसे गुड न्यूज कहा. इंद्राणी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि चिदंबरम गिरफ्तार हुए हैं. मेरी इस मामले पर करीबी नजर है.’ इसके साथ ही इंद्राणी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कार्ति चिदंबरम की भी अग्रिम जमानत याचिका रद्द हो. ईडी की पूछताछ में इंद्राणी ने बताया था कि चिदंबरम ने उनके पति पीटर से कहा था कि की मंजूरी के बदले उन्हें उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के बिजनेस में मदद करनी होगी. ईडी ने इंद्राणी के बयान के आधार पर चार्जशीट के दर्ज किया और कोर्ट में भी इसे सबूत के तौर पर पेश किया.
इंद्राणी ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया था कि कार्ति से उनकी और पीटर की मुलाकात दिल्ली के एक होटल में हुई थी और कार्ति ने इस मामले को सुलझाने के लिए 10 लाख रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे थे. 15 मार्च 2007 को आईएनएक्स मीडिया ने एफआईपीबी की स्वीकृति के लिए वित्त मंत्रालय के सामने आवेदन किया, जिसमें एफआईपीबी ने 18 मई 2017 को इसके लिए सिफारिश की. लेकिन बोर्ड ने आईएनएक्स मीडिया द्वारा आईएनएक्स न्यूज़ में अप्रत्यक्ष रूप से निवेश की अनुमति नहीं दी. यहां तक कि आईएनएक्स मीडिया के लिए भी एफआईपीबी ने सिर्फ 4.62 करोड़ रुपये से ज्यादा के आईएनएक्स निवेश की अनुमति नहीं दी. सीबीआई के अनुसार आईएनएक्स मीडिया ने नियमों को नजरअंदाज किया और जानबूझकर आईएनएक्स न्यूज़ में 26 प्रतिशत के लगभग निवेश किया. यही नहीं उन्होंने 800 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से अपने शेयर को जारी करके आईएनएक्स मीडिया के लिए 305 करोड़ की एफडीआई जुटाई जबकि उन्हें सिर्फ 4.62 करोड़ रुपये एफडीआई की ही अनुमति थी. सीबीआई ने कहा कि कार्ति चिदंबरम के कारण एफआईपीबी से जुड़े अधिकारियों ने न सिर्फ इन चीज़ों की अनदेखी की बल्कि आईएनएक्स मीडिया की सहायता भी की. अधिकारियों ने राजस्व विभाग द्वारा इस मामले के जांच के मांग की भी अनदेखी की. कार्ति चिदंबरम को 28 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई.