चीन की 70वीं वर्षगांठ पर हांगकांग में बढ़ा उपद्रव, लोगों ने किया प्रदर्शन…
कम्युनिस्ट चीन के गठन की 70वीं वर्षगांठ से पहले हांगकांग में तनाव फिर से चरम स्तर की तरफ बढ़ने लगा है। अशांत चल रहे शहर में रविवार को हजारों लोगों ने सड़क पर उतरकर पैदल मार्च में हिस्सेदारी की। कई जगह प्रदर्शनकारियों और दंगा पुलिस के बीच हिंसक टकराव देखने को मिला। इसका असर चीन के आगामी स्थापना दिवस समारोह पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में बीजिंग ने बड़े पैमाने पर तैयारियां की हैं। मंगलवार से भव्य समारोह की शुरुआत होगी। इसमें बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन के लिए सैन्य परेड को भी शामिल किया गया है, जो देश के वैश्विक सुपरपावर के तौर पर उभार को दर्शाएगी। लेकिन हांगकांग में जारी अशांति से उसके इस समारोह के मजे में खलल पड़ने की संभावना है, क्योंकि इस अर्द्धस्वायत्त क्षेत्र में बीजिंग की सत्ता के तहत अपनी विशेष आजादी को कम किए जाने के प्रयास से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
हांगकांग ने दिया इसे मातम दिवस का नाम
हांगकांग के लोकतांत्रिक प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय दिवस समारोह को ‘मातम दिवस’ करार दिया है और इसके साथ ही इस वित्तीय केंद्र में लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं ने अपने चार महीने पुराने अभियान में तेजी लाने का संकल्प लिया है। इसी के चलते रविवार को टकराव में बढ़ोतरी देखी गई।
पुलिस ने कई स्थानों पर आंसू गैस, रबड़ बुलेट और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों ने ऑनलाइन फोरम और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके दुनिया भर में अधिनायकवाद विरोधी रैलियां निकालने की अपील की थी। इसके चलते रविवार को ऑस्ट्रेलिया और ताइवान में रैलियां निकाली गईं। खबरों के मुताबिक, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी चीन के खिलाफ ऐसी करीब 40 रैलियां निकालने की योजना है।