चोटी कटने के सुरक्षा कारणों से घाटी में रेल सेवा स्थगित
कश्मीर : चोटी काटे जाने की घटनाओं के विरोध में अलगाववादियों के हड़ताल के आह्वान को देखते हुए कश्मीर घाटी में आज सुरक्षा कारणों से रेल सेवा को स्थगित कर दिया गया। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमने पुलिस के परामर्श के बाद सुरक्षा कारणों से घाटी में चलने वाली सभी ट्रेनों को स्थगित कर दिया है।’उन्होंने बताया कि उत्तर कश्मीर के बारामूला से लेकर मध्य कश्मीर के श्रीनगर-बडगाम के बीच सभी ट्रेनों को स्थगित कर दिया गया है। इसी प्रकार दक्षिण कश्मीर के श्रीनगर-अनंतनाग-काजीकुंड से लेकर जम्मू क्षेत्र के बनिहाल के बीच भी कोई ट्रेन नहीं चलेगी। घाटी में चोटी प्रकरण को लेकर सुरक्षा कारणों से ट्रेन सेवायें स्थगित किए जाने की यह दूसरी घटना है।
इससे पहले छह अक्टूबर को जुम्मे की नमाज के बाद चोटी काटने की घटनाओं के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन के कारण दोपहर के बाद एक बजे से ट्रेन सेवाओं को स्थगित कर दिया गया था। उन्होंने बताया, ‘हम घाटी में रेल सेवाओं को स्थगित या बहाल करने का काम राज्य प्रशासन और पुलिस की सलाह तथा मशविरा मिलने के बाद ही करते हैं।’ उधर, कश्मीर में चोटी कटने की घटनाओं के खिलाफ अलगाववादी संगठनों की ओर से बुलाई गयी हड़ताल के मद्देनजर किसी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए यहां के पुराने इलाके, शहर खास तथा सिविल लाइन के कुछ इलाकों में आज कफ्र्यू जैसी पाबंदी लगाई गई। हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज मौलवी उमर फारुख का गढ़ समझी जाने वाली ऐतिहासिक जामा मस्जिद का मुख्य द्वार आज बंद रहा।
मस्जिद में लोगों को प्रवेश को रोकने के लिए बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। पुलिस ने कहा कि एम आर गंज, नौहट्टा, खानयार, सफा कदल तथा रैनावारी थाने के अंतर्नत आने वाले इलाकों में धारा 144 लगाया गया है। इसी प्रकार पुराने शहर करालकुल्द तथा मैसूमा में भी प्रतिबंध लगाया गया है। हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़े तथा जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट की ओर से चोटी कटने की घटनाओं के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया गया है। पिछले एक महीने में घाटी में दस से अधिक महिलाओं की चोटी कटने का मामला सामने आया है।