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सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार और नए राज्यपालों के नाम पर चर्चा का दौर शुरू हो चुका है। सत्र के खत्म होने के बाद इस पर गंभीर मंथन शुरू होगा।
जहां तक बुधवार को फिर से राजग में शामिल हुए जदयू का सवाल है तो पार्टी के एक सांसद को कैबिनेट तो एक को राज्यमंत्री बनाए जाने पर करीब-करीब सहमति है। इस क्रम में शिवसेना के मंत्रियों के कोटे में भी एक सदस्य की बढ़ोत्तरी होगी।
उक्त मंत्री ने कहा कि फेरबदल और विस्तार सत्र के बाद कभी भी हो सकता है। गौरतलब है कि मनोहर परिकर के गोवा का मुख्यमंत्री बनाए जाने, वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने और पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे के निधन के कारण तीन पद पहले से ही रिक्त हैं।
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इस बीच शाह को अचानक राज्यसभा भेजने के फैसले पर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि उन्हें राज्यसभा में भी अहम भूमिका दी जाएगी।
पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि खुद प्रधानमंत्री ने सरकार के तीन साल पूरा होने पर मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की है। इसके अलावा संसद और अपने-अपने क्षेत्रों में सांसदों के प्रदर्शन की रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है।
माना जा रहा है कि पीएम मोदी ऐसे आधा दर्जन मंत्रियों की अपनी टीम से छुट्टी करेंगे, जिनके कामकाज से वह संतुष्ट नहीं हैं। इसके अलावा सरकार में सक्रियता लाने के लिए कई मंत्रियों के विभाग बदले जाएंगे। इस दौरान संसद और अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले सांसदों को मोदी की टीम में काम करने का मौका मिलेगा।