नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा जाट कोटे को निरस्त किए जाने के फैसले की समीक्षा की अपील के साथ सरकार सुप्रीम कोर्ट का रूख कर सकती है क्योंकि कोर्ट के इस आदेश के कारण यूपीएससी को प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा के अंतिम नतीजों पर रोक लगानी पड़ी है। गृह मंत्रालय, कार्मिक, विधि एवं सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी शीर्ष अदालत के आदेश को देखते हुए सरकार के अगले कदम पर विचार कर रहे हैं। इस कदम की शुरूआत जाट नेताओं के प्रतिनिधिमंडल द्वारा शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करने के बाद हुई। इन लोगों ने जाट समुदाय के लिए ओबीसी आरक्षण को निरस्त करने के मुददे पर प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, समीक्षा याचिका दायर करने के बारे में फैसला जल्दी ही लिया जाएगा। जाट नेता सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 मार्च को सुनाए गए फैसले की समीक्षा की मांग कर रहे हैं। कोर्ट ने अपने इस फैसले में संप्रग सरकार की उस अधिसूचना को रदद कर दिया था, जिसमें इस समुदाय के लिए आरक्षण को नौ राज्यों में विस्तार देने की बात कही गई थी। हरियाणा की भाजपा सरकार जाटों के लिए नौकरियों में आरक्षण के समर्थन में खुलकर सामने आई है। सूत्रों ने कहा कि प्रशासनिक सेवा परीक्षा के परिणाम अब तक आ जाने चाहिए थे लेकिन 17 मार्च के आदेश के कारण ये अब तक नहीं आए हैं।