टीवी देखना किसे पसंद नहीं होता है, मगर क्या आप जानते हैं कि यह टेलीविजन आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी हो सकता हैं। लंबे समय तक टेलीविजन देखते रहने से कई बीमारियां जैसे- डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोग हो सकते हैं। इतना ही नहीं, लंबे समय तक टीवी के सामने बैठना, ब्लड क्लॉटिंग के खतरे को 70 फीसदी तक बढ़ा सकता है।
वैज्ञानिकों ने एक हालिया शोध के आधार पर चेताया है कि आमतौर पर ज्यादा देर बैठ कर टीवी देखना पैरों, बाहों अथवा कूल्हों को प्रभावित करता है, लेकिन प्रमुख रूप से यह आदत फेफड़ों में रक्त (खून) के थक्के जमने का कारण भी बन सकती है। इसे वेनस थ्रोम्बोएम्बोलिज्म (वीटीई) के नाम से जाना जाता है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने इस बारे में चेतावनी दी है कि व्यायाम वेनस थ्रोम्बोएम्बोलिज्म होने की संभावना को तब तक कम नहीं कर सकता है, जब तक की उसे नियमित रूप से न किया जाए। शोधकर्ताओं ने 45 से 64 वर्ष के 15 हजार से ज्यादा लोगों की जांच कर यह निष्कर्ष निकाला है। ज्यादा टीवी देखने वाले लोगों में वीटीई होने का खतरा कभी नहीं या कम टीवी देखने वाले लोगों के मुकाबले 1.8 गुना तक अधिक होता है।
अमेरिका की वरमोंट यूनिवर्सिटी की मैरी कुशमैन के अनुसार, टीवी देखने से ज्यादा खतरनाक है लेटकर या स्थिर होकर टीवी देखना। इसकी जगह यदि आप ट्रेडमिल पर चलते हुए टीवी देखें तो वीटीई होने का खतरा अपने आप ही कम हो जाएगा। टीवी देखने के बीच में आधे घंटे टहलना भी फायदेमंद होगा। हर साल अमेरिका में करीब तीन से छह लाख लोग वीटीई के शिकार हो जाते हैं। अगर स्वस्थ और संतुलित आहार लेने के साथ शारीरिक कार्य किया जाए, तो वीटीई का खतरा टल सकता है।
इससे बचाव के लिए शारीरिक फिटनेस सुरक्षात्मक है, मगर आप इस बारे में जरूर सोचें कि स्वच्छ और स्वस्थ जीवन जीने के लिए अपने समय का सबसे अच्छा उपयोग कैसे कर सकते हैं? आप समयांतराल कर टीवी देख सकते हैं। अगर आपको अपना पसंदीदा शो देखना है, तो उसे रिकार्ड कर लें और बाद में किसी समय विज्ञापनों को छोड़कर देख लें। रक्त के इन थक्कों के कारण नसों से फेफड़ों तक रक्त का प्रवाह सही तरह से नहीं हो पाता है, इससे व्यक्ति को मौत का खतरा हो सकता है।
ये थक्के नसों में बहने वाले रक्त के मार्ग में अवरोध पैदा करते हैं। इससे नसों में ऑक्सीजन और रक्त की आपूर्ति रुक सकती है और पीड़ित व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। अमेरिका के दिल और नाड़ी विशेषज्ञ प्रोफेसर मार्क क्रेगेर के मुताबिक, बैठकर टीवी देखना किसी को भी खतरे में डाल सकता है, क्योंकि इस दौरान लोग पैरों तक को नहीं हिलाते हैं। इससे बचने के लिए रोजाना केवल 15 से 20 मिनट से ज्यादा टीवी नहीं देखनी चाहिए।
डॉ. संजीव कुमार, दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट न्यूरो सर्जन की मानें तो लगातार टीवी देखने से आपको वेनस थ्रोम्बोएम्बोलिज्म का खतरा होता है। इसमें पैर की नसों में रक्त के थक्के हो जाते हैं, जिससे फेफड़ों तक रक्त का प्रवाह सही तरह नहीं हो पाता है, इससे मौत का खतरा बना रहता है। किसी भी गहरी शिरा घनास्त्रता के लक्षणों से भी सावधान रहें, क्योंकि रक्त का थक्का आमतौर पर पैरों की शिरा में उत्पन्न होता है, जिससे सूजन, कोमलता और उस हिस्से में गर्मी बढ़ जाती है।
देर तक टीवी देखने से आप अधिक खा लेते हैं, नींद भी पूरी नहीं हो पाती है। किसी को हाल ही में लकवा या पक्षाघात की समस्या हुई हो, तो वह ज्यादा देर तक टीवी न देेगें, क्योंकि ज्यादा देर तक टीवी देखने पर उसे मानसिक तनाव के साथ ही हार्ट अटैक का खतरा भी रहता है।