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झूठ पकड़ने के 10 आसान से तरीके

Hypocrisy-True Story
Hypocrisy-True Story

आपके सामने कोई झूठ बोल रहा है, यह जानना बहुत आसान नहीं तो बहुत मुश्किल भी नहीं है। यहां हम आपको बता रहे हैं यह जानने के 10 आसान से टिप्स कि आपके सामने खड़ा इंसान सच बोल रहा है या झूठ। 

भाव-भंगिमा कह देती है सच: शब्दों से ज्यादा सामने वाले की भाव-भंगिमा पर ध्यान दें। अक्सर झूठ बोलते समय व्यक्ति हाथों को ‘छिपाकर’ रखता है। हाथ बांधना, पीछे रखना, जेब में डालना या हाथों पर ही बैठ जाना, अगर सामने वाला ऐसा कुछ करता है तो आप उसकी बातों पर शक कर सकते हैं। वह भी तब, जब सामान्य परिस्थितियों में वह अपनी बात कहते समय हाथों का बहुत ज्यादा यूज करता हो। अक्सर झूठ बोलते समय व्यक्ति पैर बहुत हिलाता है। कोई सवाल पूछे जाने पर होठों पर जीभ फिराना या होठ काटना भी झूठ बोलने की निशानी हैं।
सांसें भी पोल खोलती हैं: अकसर जब लोग झूठ बोलते हैं तो उस समय उनकी सांस कुछ तेज चलने लगती है और आवाज बहुत उथली हो जाती है। क्योंकि झूठ बोलना उनको नर्वस करता है और नर्वस इंसान का ब्लड फ्लो और हार्ट रेट बदल जाता है।
पसीना क्यों आ रहा है: झूठ बोलना अच्छे-अच्छे झूठों का पसीना छुड़ा देता है। अगर सामने वाले को बहुत पसीना आ रहा है तो समझ जाइए कि ये शब्दों का तनाव है जो उस पर हावी है। पसीना आना तनाव की बहुत पक्की निशानी है।
तनाव बोलता है: झूठ बोल रहा बंदा काफी तनाव में होता है, मानसिक तनाव शारीरिक तनाव में भी झलकता है। कंधे उचकाना, अंगुलियां फंसाना, पैर पर पैर रखना, या हाथ पर हाथ रखना, ये कुछ ऐसे शारीरिक तनाव के लक्षण हैं जो इशारा कर रहे हैं कि मुंह से जो निकल रहा है, सच नहीं है।
नजरें चुराना अच्छी बात नहीं: अगर सामने वाला बोलते वक्त आपसे आई कॉन्टैक्ट नहीं कर पा रहा तो काफी संभावना है कि वह आपसे झूठ बोल रहा है। और अगर आपकी लाख कोशिश के बावजूद उसने नजरों से नजरें मिला भी लीं तो या तो वह बिना पलकें झपकाए आपको घूरने के अंदाज मे देखेगा, या फिर बहुत ज्यादा पलकें झपकाएगा।
चलो कुछ और बात करते हैं: झूठ बोल रहा इंसान ज्यादा देर तक उस टॉपिक पर बात नहीं करना चाहता, इसलिए वह हर संभव कोशिश करता है कि टॉपिक चेंज कर दिया जाए।
हाथ काबू में नहीं रहते: हाथों को ‘छिपाकर’ रखने के उलट कुछ लोग हाथों को बार-बार चेहरे की तरफ ले जाते हैं। वे अपने बालों, होठों, गर्दन और (सबसे कॉमन) नाक को टच करते हैं। बार-बार मुंह पर हाथ रख लेते हैं।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे: कई झूठे ऐसा भी करते हैं। खुद को फंसता देख वे बहुत ज्यादा डिफेंसिव हो जाते हैं। क्यों जाननी है यह बात? यह बात अब इतनी महत्वपूर्ण नहीं है। यही बात क्यों पूछ रहे हो? तुम तो इस बात के पीछे ही पड़ गए। ऐसे ही जवाबों के जरिए झूठ बोल रहा बंदा आगे कोई जवाब देने से इनकार कर देता है और फोर्स किए जाने पर उल्टा आपको ही झूठा साबित करने लगता है।
बदले-बदले से सरकार नजर आते हैं: अगर आपको शक है तो सामने वाले के बात करने के लहजे और स्पीड पर ध्यान दीजिए। अक्सर झूठ बोलते समय लोग सामान्य से ऊंची आवाज में और जल्दी-जल्दी बात करने लगते हैं। बोलते समय हड़बड़ाते भी हैं।
आवाज ही बहुत कुछ कह देती है: कहते हैं कि मोबाइल पर झूठ बोलना ज्यादा आसान होता है, क्योंकि तब बंदा सामने नहीं होता, इसलिए तनाव भी काफी कम रहता है। लेकिन, आप मोबाइल पर भी सामने वाले की आवाज सुनकर बता सकते हैं कि वह झूठ बोल रहा है या सच। ध्यान दीजिए कि आज उनकी आवाज रोज की अपेक्षा कुछ अलग तो नहीं। बात करते-करते अगर वह बार-बार ‘ईमानदारी से कहूं तो…’ और ‘मेरे कहने का मतलब है कि…’ जैसे वाक्यांश यूज कर रहे हैं तो संभल जाइए, जो आपको बताया जा रहा है वह झूठ हो सकता है।

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