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टेलीग्राम मैसेंजर ऐप पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में केंद्र सरकार

केंद्र सरकार टेलीग्राम मैसेंजर ऐप पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। सुरक्षा एजेंसियों ने इस ऐप के अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल होने के संबंध में सरकार को आगाह किया है। कड़े इंक्रिप्शन के चलते इस मैसेंजर पर होने वाली बातचीत को सुरक्षा एजेंसियों को निगरानी करने में परेशानी आ रही है। इसके चलते रूस और ईरान टेलीग्राम ऐप पर पहले पाबंदी लगा चुके हैं।  

टेलीग्राम नाम का ऐप लगभग व्हाट्सऐप की तर्ज पर है जिसके जरिए दो व्यक्ति संदेशों के जरिए बातचीत कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय देश के विभिन्न हिस्सों में हिस्सा के मामले में व्हाट्सऐप को दो नोटिस भेज चुका है जिनका जवाब व्हाट्सऐप प्रशासन की ओर से दिया गया है। 

वह फर्जी संदेशों की निगरानी के लिए सरकार की पूरी सहायता करने को तैयार है। आईटी मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक टेलीग्राम के मामले में भी सरकार पहले नोटिस भेजकर चेतावनी देना चाहती थी। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की ओर से अवैध गतिविधियों और दो देशों में इस ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने का हवाला दिया गया। 

सूत्र बताते हैं कि एजेंसियों की मांग पर सरकार टेलीग्राम पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की दिशा में काम कर रही है। दरअसल एजेंसियों को अवैध गतिविधियों से जुड़े कुछ इनपुट मिले हैं, जिन्हें आधार बनाकर इसके खिलाफ पाबंदी की कार्रवाई की जाएगी।   

दूरसंचार विभाग ने हाल ही में टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं, उद्योग संगठनों समेत अन्य से तीन मोबाइल ऐप पर रोक लगाए जाने के संबंध में राय मांगी थी। इनमें टेलीग्राम भी शामिल था। सरकार के सूत्र बताते हैं कि तकनीकी तौर पर आईटी मंत्रालय इस पर पाबंदी लगाने में सक्षम है पर कुछ कानूनी अड़चने हैं जिन पर विमर्श चल रहा है। 

इसमें नागरिक अधिकार, आईटी एक्ट समेत अन्य कानूनी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। आईटी विशेषज्ञ रामानुज के मुताबिक सुरक्षा कारणों का हवाला देकर सरकार इस ऐप पर पाबंदी लगाने में सक्षम है। लेकिन मामला अदालत पर पहुंचने पर उसे प्रथम दृष्टया ऐसे साक्ष्य पेश करने होंगे, ताकि उठाए गए कदम पर कोई सवाल नहीं खड़ा हो सके।  

टेलीग्राम ऐप की खास बात ये है कि यह किसी भी सर्वर का इस्तेमाल नहीं करता है। इंक्रिप्शन (दो लोगों के बीच संदेशों में बाहरी प्रवेश नहीं) भी काफी कड़ा है, जिसे तोड़कर रोजाना निगरानी करना भी जटिल है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जतायी गई अवैध गतिविधियों की आशंका पर सरकार आगे बढ़ रही है।

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