डेरा सिरसा प्रमुख को माफी देने का मामला गरमाया
दस्तक टाइम्स/एजेंसी-
नई दिल्ली: शिरोमणी अकाली दल की दिल्ली इकाई की ओर से रफी मार्ग स्थित कास्टीट्यूशन क्लब के मावलंकर हाल में पंथक जत्थेबंदियों की विशाल एकत्रता बुलाई गई जिसमें दसवें गुरु श्री गुरु गोबिन्द सिंह का स्वांग रचने वाले डेरा सिरसा के प्रमुख के हक में फैसला देने वाली राजनीतिक और धार्मिक शक्तियों के सिख विरोधी मंसूबों से संगत को अवगत करवाया गया। शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा कि पिछले समय में पांच सिंह साहिबानों द्वारा आरएसएस के इशारे और बादल की गुलामी के तहत की गई गुप्त कार्यवाही ने सिख पंथ के गौरव को बहुत बड़ा धक्का पहुंचा है। जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह बाकी जत्थेदारों के साथ मिलकर बिना माफी मांगे और बिना उनके समक्ष पेश हुए डेरा सिरसा के प्रमुख को माफ करके श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता को नुकसान पहुंचाया है। इसलिए खालसा पंथ को इनकी सिख विरोधी कार्यवाहियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे।
एकत्रता में शामिल संगतों ने एकमत होकर प्रस्ताव पारित कर कहा कि गुलाम सोच वाले जत्थेदार बीते कुछ समय से सिक्खों की स्वतंत्र हस्ती की प्रतीक नानकशाही कैलंडर को विक्रमी कैलंडर में तब्दील करके सिख पंथ के साथ बड़ी गद्दारी का गुनाह भी कर चुके हैं परंतु अब गुरमीत राम रहीम सिरसे वाले की अहंकार भरी चिट्ठी के आधार पर ही उसको बिना श्री अकाल तख्त पर पेश हुए माफी देने की घटना ने हर सिक्ख के दिल को जख्मी कर दिया है। जत्थेदारों की इन कारगुजारियों को कोई भी सिक्ख बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसलिए यह पंथक एकत्रता डेरा सिरसा के प्रमुख को दी गई माफी को रद्द करती है। एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया कि यह पंथक एकत्रता पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा आरएसएस के साथ मिलकर लंबे समय से अपनाई जा रही सिक्ख धर्म और पंथ विरोधी नीतियों की कड़े शब्दों में निंदा करती है।