डौंडियाखेड़ा में 21वें दिन भी नहीं मिला सोना
लखनऊ (दस्तक ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डौंडियाखेड़ा स्थित राजा राव रामबख्श सिंह के खंडहरनुमा किले में कथित दबे खजाने की खोज कर रहे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने मंगलवार को एक मीटर से ज्यादा खुदाई की। खुदाई के 21 दिन बीतने के बाद सोना नहीं मिला। उन्नाव (बीघापुर) के उपजिलाधिकारी विजय शंकर दुबे ने बताया कि 21वें दिन 1.1० मीटर खुदाई हुई। ये खुदाई दूसरे ब्लॉक में हो रही है। अब तक इस ब्लॉक में कुल 5.1० मीटर खनन हो चुका है। कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार को खनन जारी रहेगा। दुबे ने बताया कि पहले ब्लॉक में प्रातिक सतह मिलने के बाद खुदाई बंद कर दी गई थी। पहले ब्लॉक की 5. 93 मीटर खुदाई में एएसआई को प्रातिक सतह मिली थी जिसमें सोना होने की कोई संभावना नजर नहीं आई। उधर एएसआई सूत्रों के मुताबिक दूसरे ब्लॉक में 6 मीटर खुदाई के बाद भी अगर सोना नहीं मिला तो खुदाई बंद की जा सकती है क्योंकि खुदाई का कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा है।खजाने की खोज में अब तक कुछ भी न मिलने से निराश एएसआई के अधिकारी इस सवाल से कन्नी काट रहे हैं कि यहां पर खुदाई चालू रहेगी या बंद होगी। जिला प्रशासन के अधिकारी भी एएसआई के पाले में गेंद डालकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। एएसआई के सहायक अधीक्षक राजेंद्र यादव ने बताया कि अभी तक उनको खुदाई बंद करने का आदेश नहीं मिला है। जब आदेश आएगा तभी काम बंद होगा।गौरतलब है कि स्थानीय संत बाबा शोभन सरकार ने किले में एक हजार टन सोना दबा होने का सपना देखा था। उनके बताए अनुसार एएसआई ने यहां खुदाई शुरू की। सोना मिलने की संभावना क्षीण होती देख एएसआई की तरफ से स्पष्टीकरण दिया गया कि खुदाई खजाने के लिए नहीं बल्कि सांस्कृतिक अवशेषों के लिए की जा रही है। बाबा शोभन सरकार की तरफ से लगातार दावा किया जा रहा है कि खनन स्थल से सोना निकलेगा। उनकी तरफ से खनन के तरीकों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।